देशभर में उड़ानों में देरी, चेक-इन सिस्टम ठप होने से यात्री परेशान
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देशभर में उड़ानों में देरी, चेक-इन सिस्टम ठप होने से यात्री परेशान

थर्ड-पार्टी सिस्टम खराबी से कई एयरलाइनों की चेक-इन सेवाएँ प्रभावित, एयर इंडिया ने चेताया 'कुछ फ्लाइट्स में देरी जारी रह सकती है, यात्री स्टेटस चेक करें।'


Delay In Air Flights : देश के कई एयरपोर्टों पर मंगलवार को अचानक उड़ानों में देरी का सिलसिला शुरू हो गया। एयर इंडिया ने पुष्टि की है कि एक थर्ड-पार्टी चेक-इन सिस्टम में खराबी के कारण यह व्यवधान आया है, जिससे विभिन्न एयरलाइनों पर असर पड़ा है।

एयर इंडिया ने कहा कि उसकी टीमें यात्रियों को सुचारू चेक-इन अनुभव देने में लगातार जुटी हुई हैं।


एयरलाइन ने बयान जारी करते हुए कहा कि “थर्ड-पार्टी सिस्टम में रुकावट की वजह से अलग-अलग एयरपोर्ट पर चेक-इन सिस्टम पर असर पड़ रहा है, जिससे एयर इंडिया समेत कई एयरलाइनों की फ्लाइट में देरी हो रही है।
हमारी एयरपोर्ट टीमें सभी पैसेंजर के लिए आसान चेक-इन एक्सपीरियंस पक्का करने के लिए पूरी मेहनत से काम कर रही हैं। सिस्टम धीरे-धीरे ठीक हो रहा है, लेकिन हमारी कुछ फ्लाइट्स में तब तक देरी हो सकती है जब तक हालात पूरी तरह नॉर्मल नहीं हो जाते।
हम पैसेंजर से अनुरोध करते हैं कि एयरपोर्ट के लिए निकलने से पहले https://airindia.com/in/en/manage/flight-status.html पर अपनी फ्लाइट का स्टेटस चेक कर लें, और अपनी यात्रा के लिए ज़्यादा समय दें। हम आपके सब्र और समझ की दिल से तारीफ़ करते हैं।”


इंडिगो में भी देरी, कारण अलग

लो-कॉस्ट एयरलाइन इंडिगो ने भी कई उड़ानों में देरी की पुष्टि की है। हालांकि इंडिगो के मामले में देरी का कारण ऑपरेशनल इश्यूज़ बताया गया है। यह देरी चेक-इन सिस्टम समस्या से जुड़ी नहीं मानी जा रही।

अमाडेयुस सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की आशंका

सूत्रों के अनुसार ये स्लोडाउन Amadeus नामक सॉफ्टवेयर की समस्या से जुड़ा हो सकता है। यह वही सॉफ्टवेयर है जिसका उपयोग दुनिया भर की एयरलाइंस बुकिंग, रिज़र्वेशन, इन्वेंटरी और डिपार्चर सिस्टम को संचालित करने में करती हैं।
इसे ग्लोबल डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (GDS) के लिए भी जाना जाता है।

जब भी यह सॉफ्टवेयर प्रभावित होता है, एयरलाइनों के चेक-इन और बोर्डिंग प्रोसेस पर सीधा असर पड़ता है।

GPS स्पूफिंग का मुद्दा भी चर्चा में

नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने सोमवार को राज्यसभा में बताया था कि हाल ही में दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGIA) के पास आने वाली कुछ उड़ानों ने GPS स्पूफिंग की घटनाओं की रिपोर्ट की थी।

मंत्री ने आश्वस्त किया कि “GPS स्पूफिंग की घटनाओं के बावजूद किसी भी उड़ान का संचालन बाधित नहीं हुआ, क्योंकि पारंपरिक नेविगेशन सिस्टम वाले दूसरे रनवे पूरी तरह काम कर रहे थे।”

गौरतलब है कि 6 नवंबर को दिल्ली एयरपोर्ट पर करीब 800 उड़ानों में देरी की खबर सामने आई थी।

क्या है GPS/GNSS spoofing?

GPS या GNSS स्पूफिंग का मतलब है किसी विमान या उपयोगकर्ता के नेविगेशन सिस्टम को गलत संकेत देकर भ्रमित करना। यह साइबर-सिक्योरिटी और एयर सेफ्टी के लिहाज से गंभीर मुद्दा माना जाता है।

( एजेंसी इनपुट के साथ )


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