
सोने-चांदी में आखिर इतना उछाल क्यों है? क्या सिर्फ त्योहारी सीजन वजह है या कुछ और?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने की कीमतों में ये तेजी ग्लोबल डिमांड, महंगाई की फिक्र और भारत में त्योहारी और शादी के सीजन से पहले बढ़ी घरेलू खरीदारी के कारण है
त्योहार का सीज़न चल रहा है। ब्याह-शादियां भी धूमधड़ाके से हो रही हैं लेकिन ऐसे मौसम में सोना और चांदी खरीदारों की पहुंच से लगातार दूर भागते जा रहे हैं। जैसे पैसे वाले लोग हैं, उन्हें तो खैर इतनी फिक्र क्या ही होगी, लेकिन जो मिडिल क्लास परिवार हैं या लोअर मिडिल क्लास परिवारों से जिनका ताल्लुक है, उनके लिए सोने-चांदी के दाम में उछाल चिंताजनक है।
आखिर सोने-ृचांदी में ऐसी आग क्यों लगी है? गोल्ड-सिल्वर के रेट आखिर इतने क्यों दौड़े जा रहे हैं? क्या सोने-चांदी की कीमतों में कहीं ठहराव भी आएगा? इन तमाम सवालों और जिज्ञासाओं को समझने से पहले आज यानी बुधवार 15 अक्तूबर 2025 का रेट जान लेते है।
बुधवार15 अक्तूबर को देश में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹12,889 प्रति ग्राम, 22 कैरेट सोने की ₹11,815 प्रति ग्राम और 18 कैरेट सोने की ₹9,697 प्रति ग्राम रही। ये एक-एक ग्राम का हिसाब हमने आपको बता दिया। अब दस-दस ग्राम का हिसाब आप खुद लगा सकते हैं।
वैसे एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने की कीमतों में ये तेजी ग्लोबल डिमांड, महंगाई की फिक्र और भारत में त्योहारी और शादी के सीजन से पहले बढ़ी घरेलू खरीदारी के कारण है।
भारत में अक्टूबर की शुरुआत में सोने की कीमतें ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गई थीं। इसका कारण था अमेरिकी सरकार के संभावित शटडाउन की आशंका, जिससे निवेशक सुरक्षित संपत्तियों यानी safe-haven assets की ओर झुक गए थे। इसके अलावा भारत में त्योहारों के सीजन में भी मांग बढ़ी।
15 अक्तूबर, बुधवार को सभी कैरेट के सोने के दामों में फिर से बढ़त देखने को मिली। लगातार हो रही यह बढोतरी बढ़ती मांग और बाजार में उतार-चढ़ाव को दर्शाती है।
सोने के दाम कितनी तेज़ी से भाग रहे हैं, इसे ऐसे समझिए कि 10 ग्राम चौबीस कैरेट सोने का रेट जहां एक दिन पहले यानी 14 अक्टूबर को 1,28,350 रुपये था, वहीं आज यानी बुधवार 15 अक्टूबर को सोने के रेट 1,28, 890 रुपये प्रति दस ग्राम हो गए। यानी 540 रुपये बढ़ गए।
22 कैरेट सोने के रेट में एक दिन में ये इजाफा 500 रुपये का था...मतलब 14 अक्टूबर को जो बाईस कैरेट सोना 1,17,650 रुपये प्रति दस ग्राम मिल रहा था, वो 15 अक्टूबर को 1, 18, 150 रुपये पहुंच गया।
इस स्पीड को देखकर तो लग रहा है कि सोने के दाम का थमना निकट भविष्य में तो लग नहीं रहा है...वैसे सोना पारंपरिक रूप से महंगाई से बचाव यानी inflation hedge के रूप में देखा जाता है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि 24 कैरेट सोना निवेश के लिए सबसे महंगा और पॉपुलर रूप है, जबकि 22 कैरेट और 18 कैरेट सोना ज़्यादातर ज्यूलरी में इस्तेमाल किया जाता है। यानी खास तौर से ब्याह-शादियों और त्योहार के सीजन में ये बाई कैरेट और ये अठारह कैरेट का सोना ही लोगों के बड़े काम आता है, लेकिन इस बार चढ़ते हुए दाम ने सारा काम बिगाड़ दिया है।