RBI Gold Loan
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सोने के दाम रिकॉर्ड हाई पर, RBI को सता रहा गोल्ड लोन डिफॉल्ट का डर, बैंक हुए सतर्क

RBI की चिंता की बड़ी वजह ये है कि सोने की ज्यादा कीमतों का फायदा उठाकर लोन लेने वाले ज्यादा कर्ज ले रहे हैं. मार्च 2025 के बाद से गोल्ड लोन लेने के मामलों में 100 फीसदी का उछाल देखने को मिला है.


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सोने के दामों में उछाल (Gold Price Hike) के बाद गोल्ड लोन (Gold Loan) देने को लेकर बैंक और एनबीएफसी ने सख्ती शुरू कर दी है. बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक को सोने की बढ़ती कीमतों के चलते गोल्ड लोन के डिफॉल्ट होने का डर सता रहा है. आरबीआई (Reserve Bank Of India) ने अपनी चिंताओं से बैंकों एनबीएफसी को अवगत करा दिया है. जिसके बाद वित्तीय संस्थानों ने गोल्ड लोन देने में सावधानी बरतना शुरू कर दिया है.

2025 में गोल्ड लोन में दोगुना उछाल

मार्च 2025 के बाद से गोल्ड लोन लेने के मामलों में 100 फीसदी का उछाल देखने को मिला है. अप्रैल 2024 में बैंकों से 1.01 लाख करोड़ रुपये का गोल्ड लोन लिया गया था जो अक्टूबर 2025 में बढ़कर 3.37 लाख करोड़ रुपये हो गया. लेकिन बैंकों एनबीएफसी से धराधर बांटे जा रहे गोल्ड लोन ने बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक की चिंता बढ़ा दी है. आरबीआई को डर सता रहा है कि बैंकों के सामने गोल्ड लोन डिफॉल्ट का संकट ना खड़ा हो जाए.

गोल्ड लोन को लेकर बैंकों-NBFC की सख्ती

आरबीआई की चिंता और सोने के दामों में उठापटक के बाद बैंकों और NBFC ने गोल्ड लोन के नियमों में सख्ती करना शुरू कर दिया है. बैंकों और एनबीएफसी ने गोल्ड लोन को लेकर लोन-टू-वैल्यू (LTV) रेशियो कम कर दिया है. इसका मतलब ये हुआ कि आप जितना सोना गिरवी रखकर गोल्ड लोन लेंगे पहले के मुकाबले आपको कम लोन मिलेगा. जो बैंक एनबीएफसी पहले सोने की कीमत का 70–72% तक लोन दे रहे थे, उन्होंने अब इसे घटाकर 60–65% कर दिया है.

गोल्ड लोन होता है सिक्योर

बैंकिंग मामलों के जानकार और वॉयस ऑफ बैंकिग के फाउंडर अशवनी राणा ने दे फेडरल देश से बात करते हुए कहा, सोने की बढ़ती कीमतों के बीच गोल्ड लोन की बढ़ी है. लेकिन इस लोन में अच्छी बात ये है कि बैंक के पास गिरवी के तौर पर सोना रहता है जिससे ये लोन सिक्योर है. उन्होंने कहा, 5 लाख रुपये से ज्यादा गोल्ड लोन लेने के मामलों में शुरुआती दौर में सोने के वैल्यू का 60 फीसदी ही लोन देना चाहिए. और अगर सोने की कीमत बाद में बढ़ जाए तो उसके हिसाब से जो अंतर बनेगा वो लोन के हिस्से को कस्टमर को दिया जा सकता है. इससे कस्टमर को भी नुकसान नहीं होगा और बैंक को परेशानी नहीं होगी.

कीमतों में उछाल के बाद ज्यादा ले रहे लोन

RBI की चिंता की बड़ी वजह ये है कि सोने की ज्यादा कीमतों का फायदा उठाकर लोन लेने वाले ज्यादा कर्ज ले रहे हैं. लेकिन वैश्विक अनिश्चितता, करेंसी में उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक तनाव के चलते सोने की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. ऐसे में अगर सोने की कीमतों में 10–15% तक की गिरावट आई को तो गिरवी रखे गए ज्वेलरी की कीमत लिए गए लोन की बकाया रकम से कम हो जाएगी. ऐसे में लोन लेने वाले कर्ज चुकाने से परहेज कर सकते हैं जिससे डिफॉल्ट के चलते बैंकों का एनपीए बढ़ सकता है.

2025 में 75 फीसदी महंगा हुआ सोना

सोने के दामों में वर्ष 2025 में ऐतिहासिक उछाल देखने को मिला है. इस वर्ष सोने के दामों में 75 - 80 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है. 1 जनवरी 2025 को सोना 78,000 रुपये के लेवल पर ट्रेड कर रहा था जो अब 1,38,000 रुपये के करीब ट्रेड कर रहा है. यानी एक ही वर्ष में सोना 60,000 रुपये महंगा हो गया. सोने के दामों में उछाल का असर ये हुआ कि बैंकों - NBFC से गोल्ड लोन लेने के मामले में जोरदार तेजी आई है. लेकिन चिंता कि बात ये है कि लोग इनकम बढ़ाने या एसेट बनाने के लिए नहीं लिया जा रहा है बल्कि लोग खपत के लिए लोन ले रहे हैं. यानी उधार लेकर शॉपिंग की जा रही है. यही वजह है कि बैंकों एनबीएफसी ने गोल्ड लोन देने को लेकर सख्ती शुरू कर दी है.

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