
सोना रचेगा इतिहास, गोल्डमैन सैक्स और UBS ने दिया सोने का ऐसा टारगेट सुनकर हो जायेंगे हैरान
Swiss Asia Capital ने 2028 तक सोने के दामों के 8000 डॉलर प्रति औॆस तक जाने की भविष्यवाणी की है. गोल्डमैन सैक्स और UBS भी बेहद बुलिश हैं.
Gold Price Today: 2024 के समान साल 2025 में भी सोने में निवेश करने वाले निवेशकों की लॉटरी निकल सकती है. दुनिया के दो दिग्गज इंवेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स और यूबीएस ने सोने में तेज उछाल की भविष्यवाणी की है. गोल्डमैन सैक्स ने कहा है कि टैरिफ वॉर के चलते अगर हालात बिगड़े, तो 2025 के अंत तक सोने की कीमतें 4,500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है अमेरिका और चीन के बीच गहराता व्यापार युद्ध और वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका. तो यूबीएस ने भी अपने अनुमान को बढ़ाकर 2025 तक 3,500 डॉलर प्रति औंस कर दिया है, और उनका मानना है कि सोने में ये तेजी 2026 तक जारी रह सकती है.
बढ़ेगी सोने की चमक
2025 में गोल्डमैन सैक्स ने तीसरी दफा सोने के लेकर अपने पूर्वानुमान को संशोधित किया है, अब उनका मानना है कि सोना 2025 के अंत तक $3,700 प्रति औंस तक पहुंच सकता है. मार्च में उसने 3,300 डॉलर की भविष्यवाणी की थी. लेकिन बदलते हालात में सोना, जिसे हमेशा से ही सुरक्षा और स्थायित्व का प्रतीक माना गया है, आज एक बार फिर संकट के समय लोगों की उम्मीद बन गया है.
4500 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है सोना
दुनिया भर में फैली आर्थिक अनिश्चितता और बढ़ती राजनीतिक तनातनी ने सोने की चमक को और निखार दिया है. पिछले हफ्ते यह सोना 3,245.69 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई जो कि एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड है. गोल्डमैन सैक्स ने कहा है कि अगर हालात यूं ही गंभीर बने रहे, तो 2025 तक सोने की कीमतें $4,500 प्रति औंस तक भी जा सकती हैं. टैरिफ वॉर तेज हो रहा है और आर्थिक अनिश्चतता बढ़ रही है तो निवेशक तेजी से सोने की ओर आकर्षित हो रहे हैं. फिजिकल गोल्ड हो या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs), हर जगह मांग में ज़बरदस्त उछाल देखा जा रहा है. गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक, "हम खुद को आने वाली अमेरिकी मंदी से बचाने के लिए सोने की ओर झुक रहे हैं."
सोने की है जोरदार डिमांड
UBS ने भी अपने अनुमान को बढ़ाकर 2025 तक 3,500 डॉलर प्रति औंस कर दिया है, और उनका मानना है कि यह रैली 2026 तक ये तेजी जारी रहेगी. UBS की प्रमुख रणनीतिकार जोनी टेवेज़ के मुताबिक, बढ़ते टैरिफ, सुस्त होती अर्थव्यवस्था, न रुकने वाली महंगाई और दुनिया में फैली अनिश्चितता इसकी वजह है.
UBS की रिपोर्ट बताती है कि कोविड-19 के बाद पहली बार, सोने की माँग (ETF से लेकर फ्यूचर्स तक) फिर उसी शिखर को छूने लगी है. अब तो सरकारी संस्थानों से लेकर आम निवेशकों तक, सबकी निगाहें इसी पर टिकी है.

