
सोने ने दिया निवेशकों को डबल रिटर्न, जानिए 2026 के लिए गोल्ड का टारगेट प्राइस!
सोने के दामों में उछाल हमेशा से टिकाऊ मानी जाती है. यही वजह है कि मौजूदा दौर में निवेशक सोने को एक मजबूत और भरोसेमंद एसेट के तौर पर देख रहे हैं.
Gold Prices In 2025: सोने में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए साल 2025 बेहद यादगार रहा है. इसी वर्ष अप्रैल महीने में पहली बार सोने के दामों ने 1 लाख रुपये के मनोवैज्ञानिक लेवल को तोड़ने में कामयाबी हासिल की. और सोने के दाम यही नहीं रुके. सोने के दाम नए हाई 1,36,000 से 1,38,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर जा पहुंचे. इंटरनेशनल मार्केट में भी सोना 4409 डॉलर प्रति औंस के ऑलटाइम हाई को छू चुका है जो फिलहाल 4,356 डॉलर प्रति औंस के करीब ट्रेड कर रहा है.
2025 में सोने के दामों ने रचा इतिहास
पहली जनवरी 2025 को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना 77,500 - 78,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था. जो 19 दिसंबर 2025 को 1,34,500 रुपये के करीब कारोबार कर रहा है. यानी पिछले 12 महीनों में सोने के दामों में 74 फीसदी का उछाल आ चुका है. और 1 जनवरी 2024 से तुलना करें तो इस तारीख को 63,349 रुपये पर सोना ट्रेड कर रहा था जो दोगुना लेवल से ज्यादा ऊपर ट्रेड कर रहा है. 2024 हो या 2025 दोनों ही वर्ष के दौरान सोने के दामों में जोरदार तेजी देखने को मिली है. पिछले दो वर्षों में सोने के दामों में 112 फीसदी का उछाल आ चुका है. WGC के रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर 2025 तक सोने ने इस साल करीब 61% का रिटर्न दिया है, जो 2024 में 26 फीसदी और 2023 में 15 फीसदी से कहीं ज्यादा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि सोने के दामों में उछाल हमेशा से टिकाऊ मानी जाती है. यही वजह है कि मौजूदा दौर में निवेशक सोने को एक मजबूत और भरोसेमंद एसेट के तौर पर देख रहे हैं.
सोने के दामों में रिकॉर्ड तेजी क्यों?
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने अपने गोल्ड आउटलुक 2026 (Gold Outlook 2026) रिपोर्ट में कहा है कि सोने की कीमतों में तेजी के पीछे एक नहीं, बल्कि कई वजहें काम कर रही हैं. यही वजह है कि इस साल सोने का प्रदर्शन पिछले वर्षों से अलग और ज्यादा मजबूत नजर आया है. 28 नवंबर 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, सोने पर मिलने वाले रिटर्न को प्रभावित करने वाले चार बड़े कारण जो नजर आए हैं उनमें आर्थिक विस्तार (Economic Expansion) , जोखिम और अनिश्चितता (Risk & Uncertainty) अवसर लागत (Opportunity Cost) और बाजार की गति (Momentum) शामिल रहे हैं और ये सभी लगभग बराबर भूमिका निभाते दिखे हैं.
ट्रंप टैरिफ के चलते भी बढ़े सोने के दाम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जनवरी में सत्ता संभालने के बाद से ट्रेड पॉलिसी को लेकर अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव ने भी सोने के दामों पर असर डाला है. इसके अलावा ब्याज दरों में गिरावट, कमजोर डॉलर और वैश्विक तनाव के कारण सोने में निवेश और डिमांड बढ़ा है. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूसी संपत्तियों को फ्रीज किए जाने से सेंट्रल बैंकों का भरोसा डॉलर पर कम हुआ है. इसका मतलब यह है कि बाजार किसी एक घटना या फैक्टर पर नहीं, बल्कि कई वजहें उसपर हावी रही है. 2008 के ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस के बाद सोना 1,000 डॉलर के पार गया था. कोविड महामारी के दौरान 2,000 डॉलर और ट्रंप के टैरिफ ऐलान के बाद 3,000 डॉलर के पार जा पहुंचा. और अमेरिका में सरकारी शटडाउन के दौरान सोना 4,000 डॉलर के स्तर को पार कर गया.
सेंट्रल बैंकों की खरीदारी से मिला सपोर्ट
इसके बाद से ही दुनिया भर के सेंट्रल बैंक बड़े पैमाने पर सोना खरीद रहे हैं और यह ट्रेंड अब भी जारी है. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूसी संपत्तियों को फ्रीज किए जाने से सेंट्रल बैंकों का भरोसा डॉलर पर कम हुआ है. इसके बाद से ही दुनिया भर के सेंट्रल बैंक बड़े पैमाने पर सोना खरीद रहे हैं और यह ट्रेंड अब भी जारी है. गोल्ड ETF में निवेश के प्रति निवेशकों में आकर्षण बढ़ा है. और आगे भी सोने की कीमतों में मजबूती बने रहने की उम्मीद है. अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती से डॉलर पर दबाव बना रह सकता है. ऐसे में निवेशकों की सोने में दिलचस्पी बढ़ेगी और सेंट्रल बैंक भी अपने सोने के भंडार बढ़ाते रहेंगे.
2026 में भी बढ़ेगी सोने की चमक
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा है कि उन्होंने अगले फेड चेयर के नाम पर फैसला कर लिया है. नए फेड चेयरमैन ब्याज दरों में और कटौती कर सकते हैं जिससे सोने को और फायदा मिल सकता है ऐसे में 2026 में भी सोना नया रिकॉर्ड बना सकता है. Prithvi Finmart के डायरेक्टर और कमोडिटी हेड मनोज कुमार जैन ने द फेडरल से बात करते हुए आने वाले नए साल के लिए सोने के दामों के आउटलुक को लेकर कहा, हमारा अनुमान है कि 2026 में सोना इंटरनेशनल मार्केट में 4800 और 5000 डॉलर प्रति औंस के लेवल को छू सकता है. तो घरेलू मार्केट में सोना 1,45,000 - 1,50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल को टेस्ट कर सकता है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक,मौजूदा हालात में सोने की कीमतें 2026 में मौजूदा स्तर से 5% से 15% तक बढ़ सकती हैं. यह बढ़त इस बात पर निर्भर करेगी कि आर्थिक सुस्ती कितनी गंभीर होती है और ब्याज दरों में कटौती कितनी जल्दी और कितनी ज्यादा की जाती है.

