
बुजुर्गों को रेल यात्रा में छूट देने की फिर उठी मांग, सरकार ने ये तर्क देकर किया निराश
मार्च 2020 में कोविड महामारी के बाद से ही रिष्ठ नागरिकों को रेल यात्रा पर दिये जाने वाले रियायतों को खत्म करने का फैसला किया गया जिसकी बहाली की बार-बार मांग सरकार से सांसद करते रहे हैं.
वरिष्ठ नागरिकों को रेल यात्रा में छूट देने से सरकार ने एक बार फिर से इंकार कर दिया है. जबकि रेलवे से जुGovt may Not reinstate concessions to senior citizens in Indian
Railways despite recommendations of Parliamentary Standing Committeeड़ी संसदीय समिति ने सरकार से स्लीपर और थर्ड एसी क्लास में यात्रा करने वाले यात्रियों को छूट देने का सुझाव दिया है. इस बात की जानकारी खुद रेल, सूचना प्रसारण और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी संसद में दी है.
सीनियर सिटीजंस को रेल यात्रा पर छूट देने की मांग
राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिट्रास, संतोष मोहन और मिलिंद देवड़ा ने प्रश्नकाल के दौरान रेल मंत्री से सवाल किया कि सीनियर सिटीजंस को दी जाने वाली रेलवे रियायतें अब तक क्यों बहाल नहीं की गईं? इन सांसदों ने ये भी पूछा कि वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायतों को लेकर संसदीय स्थायी समिति की क्या सिफारिशें हैं और क्या सरकार का इस वर्ष वरिष्ठ नागरिकों को फिर से रियायतें देने का कोई इरादा है?
संसदीय समिति ने भी की सिफारिश
इस प्रश्न का जवाब देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सदन को बताया कि, संसदीय स्थायी समिति ने सुझाव दिया है कि कम से कम स्लीपर और थर्ड एसी (3AC) में वरिष्ठ नागरिकों को फिर से रियायत देने पर विचार किया जाए. हालांकि उन्होंने इसके साथ ये भी कहा कि भारतीय रेलवे सभी वर्गों के लोगों को किफायती यात्रा सुविधा देने की कोशिश करता है.
रेल मंत्री बोले 100 में 45 रुपये की मिल रही छूट
उन्होंने बताया कि साल 2023-24 में रेलवे ने यात्री किराए पर कुल 60,466 करोड़ की सब्सिडी दी है. इसका मतलब है कि हर यात्री को औसतन 45% की रियायत मिल रही है. उन्होंने बताया कि, अगर किसी यात्रा की वास्तविक लागत 100 रुपये है, तो यातियों से केवल 55 रुपये ही लिए जा रहे हैं और ये सब्सिडी सभी यात्रियों को दी जा रही है. अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस सब्सिडी के अलावा से अलग कई स्पेशल कैटगरी को रियायतें अब भी दी जा रही है जिसमें 4 श्रेणियों के दिव्यांगजन, 11 श्रेणियों के रोगी, और 8 श्रेणियों के छात्र शामिल है.
5 साल में सरकार ने बचाये 8300 करोड़
रेल मंत्री ने अपने पूर्व जवाब में लोकसभा में कहा था कि 2019-20 में सीनियर सिटीजन को पैसेंजर फेयर में छूट देने के चलते रेलवे को 1667 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. यानी इसके हिसाब से सीनियर सिटीजंस को रेल यात्रा में दिए जाने वाले कंसेशन को खत्म कर सरकार अब तक सरकार 8300 करोड़ रुपये ज्यादा राजस्व बचा चुकी है.
सांसदों की मांग भी अनसुनी
दरअसल मार्च 2020 में कोविड महामारी के पहले चरण में जब देश में लॉकडाउन का ऐलान हुआ उसके ठीक पहले सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को रेल यात्रा पर दिये जाने वाले रियायतों को खत्म करने का फैसला लिया. कोविड महामारी खत्म हो गया लेकिन सरकार ने इस सुविधा को फिर से बहाल नहीं किया. लोकसभा हो या राज्यसभा दोनों ही सदनों के सांसदों ने कई बार रेल मंत्री से सदन में फिर से छूट बहाल करने को लेकर प्रश्न भी पूछा है और मांग भी की है. लेकिन हर बार सरकार सांसदों के इस अनुरोध को अनसुना कर देती है.