GST 2.0: हर दर्द की दवा! सिर्फ रेट कटौती नहीं
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GST 2.0: हर दर्द की दवा! सिर्फ रेट कटौती नहीं

Tax Reform: केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को दर समानीकरण पर गठित मंत्रियों के समूह (GoM) को भेज दिया है. इस पर अगले हफ्ते चर्चा होगी और फिर अंतिम सिफारिशें जीएसटी काउंसिल के सामने रखी जाएंगी.


GST 2.0: सरकार की ओर से प्रस्तावित गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) 2.0 अब केवल दरों में कटौती तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह पूरे अप्रत्यक्ष कर ढांचे का गहन पुनर्गठन होगा, जिसे आठ साल पहले लागू किया गया था. इस बदलाव का मकसद व्यापारियों को स्पष्टता और स्थिरता प्रदान करना है, साथ ही वर्गीकरण विवाद, ड्यूटी इनवर्जन और प्रक्रियागत समस्याओं का समाधान करना भी शामिल है।

जीएसटी काउंसिल की बैठक

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र और राज्यों के टैक्स विभागों के बीच मूल्यांकन, ऑडिट और जांच में अधिक समन्वय सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि एक ही मुद्दे पर व्यवसायों के खिलाफ बार-बार कार्रवाई न हो. इन प्रस्तावों पर जीएसटी काउंसिल की आगामी बैठक में चर्चा की जाएगी, जो 18-19 सितंबर को आयोजित हो सकती है.

दिवाली गिफ्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 2025 के भाषण में जीएसटी 2.0 का ज़िक्र करते हुए इसे देशवासियों के लिए "दीवाली गिफ्ट" बताया था. उन्होंने संकेत दिए कि ये बदलाव न सिर्फ दरों को सरल बनाएंगे, बल्कि पूरे टैक्स ढांचे को नया रूप देंगे.

मुख्य बिंदु

सिर्फ दो दरें होंगी प्रमुख

वर्तमान में मौजूद 12% और 28% दरों को समाप्त किया जाएगा और केवल 5% और 18% की दरें प्रमुख रूप से लागू होंगी.

'सिन गुड्स' और लग्जरी कारों पर 40% टैक्स

शराब, तंबाकू जैसी वस्तुओं और लग्जरी कारों जैसे 6 उत्पादों पर विशेष दर 40% रखी जाएगी.

वर्गीकरण विवाद होंगे खत्म

क्या नमकीन एक्सट्रूज़न आधारित है या नहीं, क्या मिठाई है या नमकीन — ऐसे भ्रम अब नहीं होंगे. एक जैसे सामान पर कीमत के अनुसार नहीं, बल्कि सामान की प्रकृति के आधार पर टैक्स लगेगा.

ड्यूटी इनवर्जन और ITC से जुड़ी समस्याएं होंगी हल

इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर और इनपुट टैक्स क्रेडिट से जुड़े मसले भी इस रिफॉर्म के ज़रिए सुलझाए जाएंगे.

GoM को भेजा गया प्रस्ताव

केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को दर समानीकरण पर गठित मंत्रियों के समूह (GoM) को भेज दिया है. इस पर अगले हफ्ते चर्चा होगी और फिर अंतिम सिफारिशें जीएसटी काउंसिल के सामने रखी जाएंगी. उम्मीद है कि इस प्रस्ताव को जल्द मंजूरी मिल सकती है, ताकि त्योहारों के मौसम के पहले इसे लागू किया जा सके और घरेलू खपत को बढ़ावा मिल सके.

समग्र सुधार की दिशा में अहम कदम

रिपोर्ट्स के अनुसार, यह केवल दरों की पुनर्संरचना नहीं है, बल्कि पूरे टैक्स ढांचे का व्यापक पुनर्गठन है. यह प्रक्रिया लाइन-बाय-लाइन नहीं, बल्कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए की जा रही है.

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