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GST रेट घटाकर अर्थव्यवस्था को बूस्टर डोज देने की तैयारी, 20 अगस्त को GOM की बैठक, वित्त मंत्री होंगी शामिल

डिमांड और खपत नहीं बढ़ रही है. इस वर्ष बजट में सरकार ने इनकम टैक्स रेट में कटौती का एलान करते हुए 12 लाख तक के इनकम पर टैक्स से मुक्त कर दिया था. अब सरकार जीएसटी रिफॉर्म्स के जरिए खपत बढ़ाना चाहती है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में जीएसटी के स्ट्रक्चर में बड़े बदलाव के संकेत देते हुए मिडिल क्लास से लेकर आम लोगों को गुड्स और सर्विसेज पर लगने वाले टैक्स से राहत देने का एलान किया. प्रधानमंत्री ने एलान किया कि इस साल की दीवाली पर उन्हें टैक्स से राहत के रूप में बंपर बोनस मिलने जा रहा है.

20-21 अगस्त को GOM की बैठक

प्रधानमंत्री के एलान को मूर्त रूप देने के लिए वित्त मंत्रालय और जीएसटी काउंसिल ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. अगले दो दिनों तक 20 और 21 अगस्त को जीएसटी काउंसिल के ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक होने जा रही है. 20 अगस्त को हेल्थ - लाइफ इंश्योरेंस और कम्पंसेशन सेस को लेकर और 21 अगस्त के जीएसटी रेट को तर्कसंगत बनाने को लेकर मंत्रियों के समूह की बैठक होने जा रही है. बड़ी बात ये है कि पहली बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मंत्रियों के समूह की बैठक में शिरकत करेंगी. प्रधानमंत्री के एलान के मुताबिक सरकार जल्द जीएसटी रिफॉर्म्स से जुड़े फैसले लेना चाहती है.

जीएसटी स्लैब में बड़े बदलाव की तैयारी

केंद्र सरकार ने जीएसटी में बड़े सुधार को आगे बढ़ाते हुए जीएसटी काउंसिल द्वारा गठित मंत्रियों के समूह को मौजूदा समय में चार की जगह दो स्लैब जीएसटी ढांचा — 5% और 18% किए जाने की सिफारिश की है. Sin Goods और ऑनलाइन गेमिंग पर 40 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा. सरकार की कोशिश है कि आम आदमी को राहत देने के लिए खाने-पीने के आईट्म्स, दवाइयाँ, मेडिकल उपकरण, कृषि मशीनें, स्प्रिंकलर, शिक्षा से जुड़ी वस्तुएं और रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों पर शून्य या 5% जीएसटी स्लैब में रखा जाए. आकांक्षी क्लास के इस्तेमाल की चीजें जैसे टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन पर फिलहाल 28% जीएसटी लगता है उसे घटाकर 18% किया जा सकता है. 12% स्लैब में जो गुड्स और सर्विसेज आती हैं उनमें से 99% को 5% स्लैब में डाला जाएगा. 28% स्लैब में आने वाले गुड्स में से 90% गुड्स को 18% स्लैब में डाला जाएगा.

जीएसटी दरों में सुधार बढ़ेगी डिमांड और खपत

ब्रोकरेज हाउस जेफरीज के रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी दरों में सुधार (Rate Rationalisation) का असर वित्त वर्ष 2025-26 की चौथी तिमाही में देखने को मिल सकता है. जीएसटी कम्पंसेशन सेस (GST Compensation Cess) के रूप में सरकार को 20 अरब डॉलर (लगभग ₹1.6 लाख करोड़) की बचत होगी जिससे जीएसटी रेट घटाया जा सकता है. एक और ब्रोकिंग हाउस Centrum ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, सरकार द्वारा प्रस्तावित जीएसटी (GST) दरों में सुधार घरेलू खपत बढ़ाने के लिए एक अहम कदम है. ये पहल केंद्र सरकार की उसी रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना चाहती है. बजट में आयकर स्लैब में बदलाव कर प्रत्यक्ष करों में राहत देने के बाद, अब अप्रत्यक्ष करों में यह सुधार उसी दिशा में अगला कदम है.

कैसे मिलेगा जीएसटी रेट कटौती का फायदा

जिन चीजों पर जीएसटी घटने के आसार हैं उसपर गौर करें तो 28% से घटाकर जिन वस्तुओं को 18% रेट में डाला जा सकता है उसमें सीमेंट, दोपहिया वाहन (2-Wheelers), एयर कंडीशनर (AC), छोटे कार और हाइब्रिड कारें शामिल है.

12% स्लैब के खत्म किए जाने के बाद कई वस्तुएं 5% स्लैब रेट में आ सकती है जिसमें प्रोसेस्ड फूड, पैक्ड खाना, 1000 रुपये से कम कीमत वाले फुटवियर, 7500 रुपये प्रति रात से कम वाले होटल, 1000 रुपये से कम कीमत वाले गारमेंट्स,

कृषि उपकरण और बीमा प्रीमियम पर टैक्स भी घट सकता है. ‘Sin Goods’ (जैसे SUV, सिगरेट, कोल, कोल्ड ड्रिंक) पर टैक्स और सेस मिलाकर 40% या इससे ज़्यादा लगाया जा सकता है.

क्यों जीएसटी रेट में हो रहा बदलाव

दरअसल 2019 में अर्थव्यवस्था धीमी होने पर सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स घटाया था. अब भी वैसी ही स्थिति है. डिमांड और खपत नहीं बढ़ रही है. इस वर्ष बजट में सरकार ने इनकम टैक्स रेट में कटौती का एलान करते हुए 12 लाख तक के इनकम पर टैक्स से मुक्त कर दिया था. अब सरकार जीएसटी रिफॉर्म्स के जरिए खपत (Consumption) बढ़ाना चाहती है. त्योहारों से पहले उपभोक्ता वस्तुओं (Durables) पर टैक्स घटाकर खपत बढ़ाने का लक्ष्य है.

जीएसटी रेट में कटौती से ऑटो-FMCG कंपनियों को फायदा

टू-व्हीलर और छोटी कार पर जीएसटी रेट के घटने से दोपहिया वाहन कंपनियां (बजाज, हीरो, टीवीएस, आयशर) को फायदा होगा. साथ ही कारों पर टैक्स कम हुआ तो मारुतिस हुंडे को लाभ होगा. एसी निर्माता (Voltas, Bluestar, Amber) भी फायदे में रहेंगी. HUL, Marico और ITC जैसी एफमसीजी कंपनियों को भी इसका फायदा पहुंचेगा. डिमांड और खपत बढ़ने से इन कंपनियों को सुस्त पड़े सेल्स में बढ़ोतरी आएगी.

ऑटो - एफएमसीजी स्टॉक्स में तेजी

जीएसटी को लेकर अगली पीढ़ी के रिफॉर्म्स का असर अभी शेयर बाजार में दिखने लगा है. पिछले दो दिनों से ऑटो, एफएमसीजी और कंजम्प्शन से जुड़ी कंपनियों के शेयर्स में जोरदार तेजी देखने को मिली है. दो दिनों में निफ्टी ऑटो में 1300 अंकों से ज्यादा तो निफ्टी एफएमसीजी इंडेक्स में 1200 अंकों से ज्यादा का उछाल आ चुका है.

बहरहाल जीएसटी रेट में कमी से महंगाई कम होगी और RBI पर ब्याज दरें और घटाने का दबाव बढ़ सकता है. यही वजह है कि पीएम मोदी बार-बार देशवासियों को दीवाली पर तोहफा देने की बात कर रहे हैं.

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