कांग्रेस के आरोपों को मिला हिंडनबर्ग का साथ, SEBI चेयरपर्सन माधबी बुच को घेरा
हिंडनबर्ग ने बुच की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस द्वारा लगाये गए आरोपों पर बुच ने लम्बी चुप्पी साधी हुई है, जो निंदनीय है. ख़ास बात ये है कि अभी सिर्फ बुच की भारत की परामर्श कंपनी की बात हुई है, वहीँ सिंगापूर की उनकी इकाई को लेकर अभी कोई बात नहीं हो रही है.
HindenBurg on SEBI Chariperson: कांग्रेस द्वारा SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर लगाये गए तजा आरोपों के बाद अब अमेरिकी शार्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने भी माधबी बुच पर सवाल खड़े किये हैं. हिंडनबर्ग रिसर्च ने सोशल मीडिया के माध्यम बुधवार को एक पोस्ट की, जिसमें लिखा कि इतने गंभीर आरोप लगने के बावजूद SEBI प्रमुख ने लम्बी चुप्पी साध रखी है , जो निंदनीय है. गौर करने वाली बात ये है कि हिंडनबर्ग ने ये बात कांग्रेस द्वारा लगाये गए आरोपों के बाद सोशल मीडिया पर लिखी, जिसमें बुच और उनके पति दोनों पर निजी संस्थाओं से अतिरिक्त धन प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है।. वहीँ कांग्रेस की बात करें तो हिंडनबर्ग द्वारा SEBI की चेयरपर्सन माधबी बुच पर आरोप लगाने के बाद ही कांग्रेस ने बुच के खिलाफ मोर्चा खोला था और एक के बाद एक कई आरोप लगाने का सिलसिला जारी है.
हिंडनबर्ग ने अपने 'X' अकाउंट पर लिखा कि ''नए आरोप सामने आए हैं कि निजी परामर्शदाता कंपनी (जिसका 99 प्रतिशत स्वामित्व सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच के पास है) ने सेबी द्वारा विनियमित कई सूचीबद्ध कंपनियों से भुगतान स्वीकार किया है, जबकि वो सेबी की पूर्णकालिक सदस्य थीं. इन कंपनियों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, डॉ रेड्डीज और पिडिलाइट जैसी कंपनियां शामिल हैं. हिंडनबर्ग ने लिखा कि ये आरोप बुच की भारतीय परामर्श इकाई पर लागू होते हैं, जबकि बुच की सिंगापुर स्थित परामर्श इकाई के बारे में अभी तक कोई विवरण नहीं है."