मकान के किराए से कमाई पर सरकार की नजर! टैक्स भरते समय न लगाए तिकड़म
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मकान के किराए से कमाई पर सरकार की नजर! टैक्स भरते समय न लगाए तिकड़म

एक नया प्रावधान है रेंटल हाउस इनकम को अब बिजनेस इनकम में नहीं दर्शाया जा सकेगा, बल्कि उसे हाउस रेंटल इनकम के मद में ही घोषित किया जाएगा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने बजट में ये घोषणा की है


House Rental Income Budget 2024: माकन के किराए से इनकम करने वाले लोग इनकम टैक्स भरते हुए सावधान हो जाएँ. भविष्य में अगर ऐसे लोग मान के किराए से होने वाली कमाई को बिजनेस इनकम का हिस्सा दिखाएँगे तो ऐसे में उन पर कार्रवाई की जा सकती है. सरकार ने धारा 28 में संशोधन की बात कही है, जिससे अब मकान को किराए पर देने से होने वाली कमाई को अब हाउस रेंटल इनकम के मद में ही दिखा कर टैक्स भरना होगा. सरकार का मानना है कि इस कदम से इनकम टैक्स की चोरी को रोका जा सकेगा.

मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट पेश हो चुका है. इस टैक्स में कई ऐसे नए प्रावधान भी बनाये गए हैं, जिन्हें लेकर अलग अलग तौर पर आंकलन किये जा रहे हैं. ऐसा ही एक नया प्रावधान है रेंटल हाउस इनकम ( मकान को किराये पर चढाने से होने वाली आय ) को अब बिजनेस इनकम में नहीं दर्शाया जा सकेगा, बल्कि उसे हाउस रेंटल इनकम के मद में ही घोषित किया जाएगा. सरकार का तर्क है कि इससे सरकार को ज्यादा टैक्स मिलेगा क्योंकि अधिकतर लोग रेंटल इनकम को बिजनेस इनकम में दर्शा कर टैक्स की चोरी कर रहे हैं.
इसके लिए सरकार द्वारा बाकायदा संशोधन का प्रावधान किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बजट पेश करते हुए ये कहा कि इनकम टैक्स एक्ट में संशोधन किया जाएगा, जिसमें मकान के किराये पर होने वाली कमाई को गृह सम्पति से इनकम के तहत दिखाया जाना चाहिए. अब इस इनकम को बिजनेस या फिर किसी और पेशे से होने वाली इनकम में नहीं दिखाया जाना चाहिए.

बिजनेस इनकम दिखा कर बचाया जा रहा है टैक्स
सरकार ने जो संशोधन करने का निर्णय लिया है, उसके पीछे की वजह ये बतायी जा रही है कि ये देखा गया है कि अभी तक लोग इनकम टैक्स में लोग हाउस रेंटल इनकम को नहीं दर्शा रहे हैं. वो इस इनकम को बिजनेस इनकम के मद में ही शामिल करते हुए इनकम टैक्स फाइल करते हैं, जिससे सरकार को कम इनकम टैक्स दिया जा रहा है. वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि इसकी वजह से उनकी देनदारी कम हो रही है. इस प्रावधान में कुछ प्रॉपर्टी मालिकों को किराए की इनकम को बिजनेस से होने वाली इनकम के रूप में दिखाने की परमिशन है, जिससे रखरखाव लागत, मरम्मत और डेप्रिसिएशन जैसी कटौती का दावा किया जा सकता है. लेकिन इस प्रावधान की बझ से लोग इनकम को गलत तरीके से दिखा कर टैक्सपेयर्स अपनी टैक्सेबल इनकम को काफी कम कर देते हैं. जिससे उनको कम टैक्स भरना पड़ता है.

मकान के किराये से होने वाली कमाई अब बिजनेस इनकम नहीं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए प्रस्ताव रखा है कि इस स्थिति को साफ करने के लिए केंद्र सरकार धारा 28 में संशोधन करने जा रही है. जिसके बाद टैक्सपेयर किराए से होने वाली इनकम को बिजनेस इनकम के रूप में नहीं दर्शा पायेंगे. वित्त मंत्री ने ये भी कहा कि इस नए नियम से इस तरह के लोगों की टैक्स देनदारी बढ़ने की संभावना है. वित्त मंत्री ने कहा कि ये संशोधन अगले वित्त वर्ष 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगा. ये नया नियम इनकम टैक्स पेयर्स को गलत इनकम के नाम पर कम टैक्स भरने से रोकेगा.


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