
सोने की कीमतों में तेज उछाल का असर, 10 फीसदी तक घट सकती है ज्वेलरी की खपत
ICRA के मुताबिक वैल्यू के लिहाज से घरेलू सोने के खपत में डबल डिजिट ग्रोथ देखने को मिलेगा. 2025-26 में 12-14 फीसदी ग्रोथ रहने का अनुमान है.
Gold Rate: सोने के दामों में हाल के महीनों में जोरदार उछाल देखने को मिला है. इसका सोने और सोने की ज्वेलरी के सेल्स पर दिख सकता है. रेटिंग एजेंसी आईसीआरए (ICRA) का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-26 में सोने की ज्वेलरी के सेल्स में 9-10 फीसदी तक की कमी आ सकती है. हालांकि सोने के दामों में उछाल के चलते कीमतों के आधार पर सोने की खपत के वैल्यू में 12-14 फीसदी का उछाल देखने को मिल सकता है.
ICRA का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में ज्वेलरी की बिक्री की मात्रा 9-10% कम रह सकती है, क्योंकि वित्त वर्ष 2024-25 में भी वॉल्यूम के हिसाब से 7 फीसदी कम सेल्स देखने को मिला था. लेकिन निवेश के लिए सोने की मांग मजबूत बनी रहेगी. पिछले दो सालों में सोने की छड़ें और सिक्के में निवेश 17% और 25% बढ़े थे क्योंकि निवेशक सुरक्षित जगह पर पैसा लगाना चाहते थे. यह ट्रेंड आगे भी जारी रहेगा, और इस बार छड़ें और सिक्कों की मांग करीब 10% बढ़ेगी, जो कुल डिमांड का 35% हिस्सा रहेगा.
रेटिंग एजेंसी के मुताबिक वैल्यू के लिहाज से घरेलू सोने के खपत में डबल डिजिट ग्रोथ देखने को मिलेगा. 2025-26 में 12-14 फीसदी ग्रोथ रहने का अनुमान है. 2024-25 में भी 33 फीसदी सोने की कीमतों में उछाल के चलते पूरे गोल्ड इंडस्ट्री के वैल्यू में 28 फीसदी का उछाल देखने को मिला था. मौजूदा वित्त वर्ष में भी सोने की कीमतों में 20 फीसदी तक उछाल आने के चलते यही ट्रेंड बना रहेगा.
आईसीआरए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और ग्रुप हेड जितिन मक्कड़ ने कहा, "हमारे 14 बड़े रिटेलर्स जो बाजार का लगभग दो-तिहाई हिस्सा संभालते हैं, उनकी बिक्री में वित्त वर्ष 2026 में 14-16% की बढ़ोतरी हो सकती है. यह सोने की कीमतों में बढ़ोतरी, नए स्टोर खोलने और असंगठित बाजार से ग्राहक पाने की वजह से होगा. इस साल शुभ दिनों की संख्या ज्यादा होने से भी मांग को मदद मिलेगी, भले ही कीमतें ज्यादा हो और सेल्स के वॉल्यूम में कमी देखने को मिले."
पिछले साल संगठित ज्वेलर्स की सेल्स कीमत बढ़ने से अच्छी रही, जबकि वॉल्यूम के लिहाज से सेल्स कम रही तो कुछ ने ज्यादा स्टोर खोलकर बिक्री बढ़ाई. यह स्थिति इस साल भी बनी रहेगी, क्योंकि सोने का सांस्कृतिक महत्व, शादियों में डिमांड और शुभ दिनों की संख्या अच्छी रहेगी. ICRA के मुताबिक, जब तक कोई बड़ी वैश्विक घटना नहीं होती, सोने की कीमतें इसी स्तर पर बनी रहेगी.