
नया टैक्स बिल पुराने एक्ट से होगा अलग, टैक्सपेयर्स के लिए क्या होंगे बदलाव
वित्त मंत्री आज लोकसभा में न्यू टैक्स बिल 2025 को पेश करने वाली हैं। बिल की ड्रॉफ्ट कॉपी सामने आ चुकी है।
Income Tax Bill 2025: भारत में इनकम टैक्स एक ऐसा विषय है जो नौकरीपेशा वर्ग में चर्चा के केंद्र में रहता है। बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि था कि फरवरी के दूसरे हफ्ते में इसे पेश किया जाएगा। बता दें कि कैबिनेट ने पिछले हफ्ते मंजूरी दी थी। आज इसे संसद में पेश किया जाएगा और विस्तार से चर्चा के लिए स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाएगा। ऐसे में आप के दिमाग में कई तरह के सवाल होंगे कि इसका अर्थ क्या है। पहली बात तो यह कि नया टैक्स बिल इनकम टैक्स बिल 1961 की जगह लेगा। करीब 63 साल बाद टैक्स बिल में बदलाव होने जा रहा है।
इनकम टैक्स बिल को पहले की तुलना में अधिक सरल और पारदर्शी बताया जा कहा है। टैक्स प्रणाली को आसान, डिजिटलाइजेशन पर जोर, टैक्स चोरी से नियमों में बदलाव खास है।
न्यू टैक्स बिल में आसान शब्दावली का इस्तेमाल है, यानी कि तकनीकी शब्दों को सरल तरह से पेश किया गया है। 1961 के टैक्स एक्ट में कुल 880 पेज थे लेकिन अब इसे 622 पेज में समेटा गया है। इस बिल में कुल 23 चैप्टर और 536 धाराएं हैं।
नए बिल में टैक्स ईयर का कंसेप्ट है। इससे पहले असेसमेंट ईयर से बदलाव होगा। टैक्स भरने के दौरान असेसमेंच ईयर और फाइनेंसियल ईयर को लेकर कंफ्यूजन होता था। जैसे एक अप्रैल 2025 से लेकर 31 मार्च 2026 नया टैक्स ईयर 2025-26 होगा। इसका अर्थ यह हुआ कि पूरा 12 महीना टैक्स ईयर के नाम से जाना जाएगा।
स्टैंडर्ड डिडक्शन में किसी तरह का बदलाव नहीं है। जैसे पुराने टैक्स रिजीम में 50 हजार रुपए और न्यू टैक्स रिजीम में 75 हजार रहेगा। न्यू टैक्स रिजीम में के टैक्स स्लैब में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा।