
Foxconn के चीनी कर्मचारियों की वापसी, क्या भारत में Apple को लांग टर्म फायदा?
Apple का लक्ष्य है कि 2026 के अंत तक अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर iPhones भारत में ही बनाए जाएं।
ब्लूमबर्ग की एक हालिया रिपोर्ट में यह संकेत दिए जाने के बाद कि भारत में Apple की निर्माण योजनाओं को झटका लग सकता है, इस मामले से जुड़े उच्चस्तरीय सूत्रों ने इन आशंकाओं को खारिज किया है। उनका कहना है कि भारत में Apple की दीर्घकालिक विकास रणनीति बरकरार है और यह सिर्फ एक धीमा लेकिन रणनीतिक बदलाव है।
रिपोर्ट के अनुसार, Apple के मुख्य सप्लायर Foxconn ने चेन्नई के पास श्रीपेरुंबदूर स्थित अपने iPhone उत्पादन संयंत्र से सैकड़ों चीनी इंजीनियरों और तकनीशियनों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है। बताया गया है कि पिछले दो महीनों में 300 से अधिक चीनी कर्मचारी वापस लौट चुके हैं। इससे भारत में Apple की निर्माण क्षमताओं को लेकर चिंता जताई जा रही थी। तमिलनाडु सरकार से जुड़े एक शीर्ष अधिकारी ने इस खबर को पूरी तरह झटका मानने से इनकार किया।
हां, इसमें कोई शक नहीं कि गति थोड़ी धीमी हुई है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि Apple की भारत में विकास यात्रा रुक गई है। यह एक परिवर्तन है, जो नए अवसरों के द्वार खोलेगा।
उन्होंने बताया कि Foxconn अब अन्य क्षेत्रों से टैलेंट लाकर भारतीय इंजीनियरों को ट्रेनिंग देने पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि Apple एक अमेरिकी कंपनी है और Foxconn ताइवानी है। दोनों लंबे समय से चीन में सक्रिय रहे हैं, इसलिए वहां के इंजीनियरों के पास तकनीकी अनुभव है। अब भारत में स्थानीय वर्कफोर्स को तैयार करना समय लेगा, लेकिन यह आत्मनिर्भरता की दिशा में जरूरी कदम है।
मशीनों में हो रहा बदलाव
ब्लूमबर्ग ने यह भी बताया कि Foxconn उन मशीनों को अपग्रेड कर रही है, जो पहले चीनी भाषा में सेट थीं, ताकि उन्हें अंग्रेज़ी समझने वाले भारतीय कर्मचारियों के लिए अनुकूल बनाया जा सके। सूत्रों ने पुष्टि की कि मशीन अपग्रेड के आदेश दिए जा चुके हैं और आने वाले महीनों में उनकी डिलीवरी होगी। यह बदलाव स्थायी स्थानीयकरण के लिए जरूरी है। यह शॉर्ट टर्म में डिस्टर्बेंस पैदा करता है, लेकिन लॉन्ग टर्म में भारत की वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग में हिस्सेदारी को मजबूत करेगा।
स्थानीय निर्माण और निर्यात
Counterpoint Research के वरिष्ठ विश्लेषक प्रचीर सिंह ने बताया कि iPhone का भारत में लोकल प्रोडक्शन 2025 में 15% बढ़कर लगभग 1.1 करोड़ यूनिट तक पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि Apple CEO टिम कुक के अनुसार, इस साल के अंत तक भारत अमेरिका की मांग का बड़ा हिस्सा पूरा करेगा। सिंह का मानना है कि चीन से इंजीनियरों की वापसी के बावजूद भारत वैश्विक स्मार्टफोन निर्माण का प्रमुख केंद्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। वैश्विक प्रोडक्शन भले 1% घटे, लेकिन भारत में स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग डबल डिजिट ग्रोथ दिखाएगी और 2025 तक वैश्विक उत्पादन में 20% हिस्सेदारी तक पहुंच सकती है।
Apple और Foxconn की बड़ी योजनाएं
Foxconn तमिलनाडु में एक नया iPhone निर्माण संयंत्र बना रही है, जबकि Apple का लक्ष्य है कि 2026 के अंत तक अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर iPhones भारत में ही बनाए जाएं। हालांकि, Apple और Foxconn ने इस विषय पर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों और विश्लेषकों की मानें तो यह परिवर्तन अस्थायी है और भारत Apple की वैश्विक रणनीति में एक अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार हो रहा है।