Russian Crude Oil
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रूस से सप्लाई बंद होने पर भारत इन देशों से खरीदेगा कच्चा तेल, भारत सरकार ने बनाया मेगाप्लान!

भारत अपने खपत का केवल 0.2 फीसदी क्रूड ऑयल कच्चा रूस से खरीदता था जो साल 2025 में 38 फीसदी के पार जा पहुंचा है. लेकिन सेकेंडरी टैरिफ अमेरिका ने लगाया और रूस से सप्लाई बाधित हुआ तो भारत सरकार इसका सामना करने की तैयारी कर ली है.


Crude Oil Supply: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध को जल्द से जल्द खत्म करना चाहते हैं. रूस पर इसके लिए वे लगातार दबाव बनाते आए हैं. लेकिन ट्रंप की दाल नहीं गल रही है तो युद्ध को खत्म करने के लिए वे उन देशों का अब इस्तेमाल करना चाहते हैं जो रूस से क्रूड ऑयल खरीद रहे जिसमें भारत और चीन शामिल है. ट्रंप ने धमकी दी है कि रूस ने 50 दिनों में युद्ध को खत्म कर शांति घोषित नहीं किया तो अमेरिका भारत और चीन पर सेंकेडरी टैरिफ (Secondary Tariffs) लगा सकता है जिसके तहत वो इन देशों से अमेरिका में आने वाले प्रोडक्ट्स पर भारी-भरकम टैरिफ लगाया जा सकता है.

130-140 डॉलर प्रति बैरल जा सकता है कच्चा तेल

इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी के मुताबिक रूस ने 2024 में 192 बिलियन डॉलर क्रूड ऑयल बेचकर कमाये. अमेरिका और नाटो देशों का मानना है कि जो देश रूस से क्रूड ऑयल खरीद रहे वे अपरोक्ष रूप से रूस के यूक्रेन के साथ युद्ध के लिए फंडिंग कर रहे हैं. अमेरिका और नाटो रूस से क्रूड ऑयल सप्लाई को रोकना चाहता है. ग्लोबल आउटपुट में फिलहाल 10 फीसदी हिस्सेदारी रूस से होने वाले उत्पादन की है. रूस से लेकिन कच्चे तेल की सप्लाई को रोक दी गई है पूरी दुनिया में कच्चे तेल के दामों में जोरदार उछाल आ सकता है. भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है 10 फीसदी खपत कम करना इतना आसान नहीं है. फिर दूसरे देशों से क्रूड ऑयल खरीदने पर कीमतें बढ़ जाएगी अगर ओपेक देशों से खरीददना पड़ा तो 130 से 140 डॉलर प्रति बैरल तक कीमतें जा सकती है.

भारत ने दिया धमकी का जवाब

नाटो के महासचिव मार्क रूट ने भी भारत, ब्राजील और चीन को रूस से कच्चे तेल खरीदने को लेकर चेताया तो भारत की ओर से इसे लेकर कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिली. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, वह इस मुद्दे पर सभी घटनाक्रम पर नजर रख रहा है, लेकिन देश की ऊर्जा जरूरतें उसकी "सर्वोच्च प्राथमिकता हैं और भारत दोहरे मापदंडों को कतई स्वीकार नहीं करेगा.

भारत को दिखाया जा रहा टैरिफ का डर

रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने रूसी तेल पर प्रतिबंध और मूल्य सीमा (price cap) लगा दिया था. रूस ने भारत, चीन, ब्राजील, तुर्किए की ओर सप्लाई को मोड़ दिया. अमेरिकी में विधेयक लाने की तैयारी है जिसमें ट्रंप को 500% तक टैरिफ लगाने का अधिकार प्रदान करेगा जिससे युद्ध को खत्म किया जा सके. ट्रंप भारत को टैरिफ का डर दिखाकर डराने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन पेट्रोलियम मंत्री ने साफ किया कि, दुनिया में कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा, भारत ने पिछले 11 सालों में कच्चे तेल खरीदने के विकल्पों को डायवर्सिफाई किया है और किसी भी संकट का सामना करने के लिए खुद को तैयार किया है. उन्होंने कहा, ये भारत की नीति है जहां भी कच्चा तेल सस्ते में और उपलब्ध होगा वहां से भारत बेहिचक कच्चे तेल की खरीदारी करेगा.

ब्राजील, गुयाना और कनाडा से भारत खरीदेगा क्रूड ऑयल

हरदीप सिंह पुरी ने रूस से कच्चे तेल खरीदने पर सेकेंडरी सैंक्शन लगाने को लेकर कहा, हम इससे कतई परेशान नहीं हैं. उन्होंने कहा, अगर कोई बड़े सप्लायर पर प्रतिबंध लगता है या बाजार से ये सप्लाई बाहर हो जाता है तो भारत इन परिस्थितियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने बताया कि भारत पश्चिमी गोलार्ध (Western Hemisphere) में ब्राजील, गुयाना और कनाडा से अपनी एनर्जी जरूरतों को आयात कर पूरा करेगा. उन्होंने कहा कि Western Hemisphere से लगातार सप्लाई बढ़ रही है.

उपभोक्ताओं के हक में सरकार लेगी फैसला

पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि पहले भारत 27 देशों से एनर्जी प्रोडेक्ट्स को खरीदता था जो कि अब 40 देशों से खरीद रहा है. उन्होंने बताया कि, दुनिया के दो प्रमुख सप्लायर देश ईरान और वेनेजुएला पर प्रतिबंध लगा है लेकिन ये कितने समय तक लगा रहेगा? उन्होंने कहा, भारत सरकार इन धमकियों से कतई परेशान नहीं है क्योंकि जब एक दरवाजा बंद होता है तो दूसरा दरवाजा खुल जाता है. उन्होंने कहा, हमारा रूख स्पष्ट है कि उपभोक्ताओं के हक में हमें जहां से खरीदना होगा वहां से खरीदेंगे.

कम हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम

हरदीप सिंह पुरी ने कहा, कच्चे तेल के दाम 65 से 70 डॉलर प्रति बैरल के बीच बना रहेगा. और कीमतों में अगर बदलाव आया तो नीचे की ओर आएगा. और अगर कीमतें इस रेंज में बना रहा तो पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी आएगी. उन्होंने कहा हालात काबू में रहे तो 2-3 महीने में रिटेल कीमतों में कमी आ सकती है.

रूस से भारत खरीदता है 38 फीसदी क्रूड ऑयल

भारत अपने पेट्रोलियम प्रोडेक्ट्स खपत का 80 से 85 फीसदी आयात के जरिए पूरा करता है. फरवरी 2022 में रूस ने जब यूक्रेन पर हमला किया तब इंटरनेशनल मार्केट में क्रू़ड ऑयल प्राइस 120 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गया था. तब भारत खाड़ी के देशों से कच्चे तेल का आयात किया करता था. लेकिन युद्ध के चलते क्रूड ऑयल के दाम के आसमान छूने और अमेरिका और यूरोपीय देशों के रूस के कच्चे तेल पर प्रतिबंध लगाने के बाद रूस ने भारत को सस्ते दामों पर कच्चे तेल बेचने का ऑफर दिया. और भारत ने इस ऑफर के तहत रूस से कच्चे तेल का आयात करना शुरू कर दिया. पहले भारत अपने खपत का केवल 0.2 फीसदी क्रूड ऑयल कच्चा रूस से खरीदता था जो साल 2025 में 38 फीसदी के पार जा पहुंचा है.

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