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ट्रंप के टैरिफ का तूफान थमा, अब कंपनियों के तिमाही नतीजे तय करेंगे शेयर बाजार की चाल

भारतीय कॉरपोरेट जगत की दिग्गज कंपनियों के वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के नतीजे अगले हफ्ते घोषित होंगे जिसपर निवेशकों की नजर रहेगी.


Indian Stock Market: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चीन को छोड़कर भारत समेत अन्य देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के फैसले पर 90 दिनों तक के लिए रोक लगाने का असर हफ्ते के आखिरी कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर बाजार में देखने को मिला है. बीएसई सेंसेक्स 1310 अंकों के उछाल के साथ 75157 अंकों तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 429 अंकों की तेजी के साथ 22828.55 अंकों पर क्लोज हुआ है. निवेशकों के इस जोश के चलते बीएसई पर लिस्टेड शेयरों का मार्केट कैपिटलाइजेशन फिर से 400 लाख करोड़ रुपये के पार जा पहुंचा है.

पर सवाल उठता है कि क्या बाजार में आई ये तेजी ऐसे ही जारी रहेगी या नहीं, क्योंकि पिछले छह महीने से ज्यादा समय शेयर बाजार के निवेशकों के लिए बुरे सपने के समान बीता है. खासतौर से छोटे निवेशक जिन्होंने सेंसेक्स-निफ्टी के हाई दौरान बाजार में प्रवेश किया था. ट्रंप टैरिफ को लेकर भले ही चीन पर हमलावर हों लेकिन दूसरे देशों को उन्होंने 90 दिनों की राहत दी और उनके साथ विवाद सुलझाने को बातचीत के जरिए अब तैयार नजर आ रहे हैं जिससे बाजार राहत की सांस ले रहा है.

आरबीआई ने भी अपने पॉलिसी रेट रेपो रेट में एक चौथाई फीसदी को घटाकर कर्ज सस्ता किया है. अब बाजार की नजर मार्च महीने के लिए अगले हफ्ते घोषित होने वाले खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों पर हैं. अगर महंगाई दर फरवरी महीने के 3.61 फीसदी के करीब रहती है और अप्रैल के लिए भी यही सिलसिला जारी रहा तो जून में कर्ज के और सस्ता होने की उम्मीद बढ़ जाएगी. हालांकि बाजार के लिए बुरी खबर ये है कि 11 अप्रैल को औद्योगिक उत्पादन दर यानी आईआईपी डेटा जो जारी किया गया उसके मुताबिक इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन 6 महीने में सबसे कम 2.9 फीसदी पर जा लुढ़का है.

लेकिन शेयर बाजार और निवेशकों की नजर वैश्विक हालात से ज्यादा नजर अब वित्त वर्ष 2024-25 की जनवरी से मार्च तक के लिए चौथी तिमाही के लिए कंपनियों के वित्तीय नतीजों पर रहने वाली है. अगर भारतीय कंपनियों ने चौथी तिमाही में शानदार वित्तीय नतीजे पेश किए तो बाजार को बूस्टर डोज मिल सकता है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड में वेल्थ मैनेजमेंट के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा, निवेशक खुदरा महंगाई दर (CPI) के डेटा पर नजर रखेंगे. हमें उम्मीद है कि भारतीय बाजार वैश्विक संकेतों, अमेरिका के टैरिफ से जुड़ी घटनाओं और चौथी तिमाही के कॉरपोरेट नतीजों के चलते अस्थिर बने रहेंगे.

सिद्धार्थ खेमका ने बताया कि अगले सप्ताह आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, विप्रो, एंजेल वन, इंफोसिस, एचडीएफसी लाइफ, एचडीएफसी एएमसी, एचडीएफसी बैंक, और आईसीआईसीआई बैंक जैसी प्रमुख कंपनियों के नतीजों पर बाजार की नजर रहेगी.

अब अगले तीन दिनों तक बाजार बंद है. अगले हफ्ते केवल 3 दिन ही बाजार में कारोबार होगा. लेकिन इस हफ्ते बाजार के लिए अंत भला तो सब भला वाली बात रही है. सेंसेक्स-निफ्टी के अलावा निफ्टी मिडकैप100 और स्मॉलकैप 100 भी 1.9% और 2.9% चढ़कर बंद हुए. सेक्टोरल फ्रंट पर, निफ्टी मेटल इंडेक्स 4.1% की बढ़त के साथ टॉप पर रहा है जिसका मुख्य कारण अमेरिका द्वारा टैरिफ में अस्थायी रोक के चलते सकारात्मक माहौल है. इसके अलावा कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, फार्मा, और ऑयल & गैस इंडेक्स में भी 2% से अधिक की बढ़त दर्ज की गई है. म्यूचुअल फंड कंपनियों के शेयरों में तेज़ी देखी गई क्योंकि SIP में मार्च महीने में 25,926 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जो AMFI द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार फरवरी की तुलना में मामूली गिरावट है. वैश्विक बाज़ारों की अस्थिरता के बावजूद निवेशकों का भरोसा बना रहा है.

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