
टैरिफ वॉर के मद्देनजर सरकार का टेक्सटाइल इंडस्ट्री को राहत, कपास के आयात पर नहीं देना होगा इंपोर्ट ड्यूटी और सेस
सरकार के इस फैसले को अमेरिका के टैरिफ वॉर से भी जोड़कर देखा जा रहा है. राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत 25 फीसदी टैरिफ लगाया है और रूस से क्रूड ऑयल खरीदने के चलते 27 अगस्त से 25 फीसदी टैरिफ पेनल्टी के तौर पर लगाने का फैसला किया है.
अमेरिका के टैरिफ वॉर से टेक्सटाइल सेक्टर को होने वाले नुकसान से निपटने के लिए सरकार ने बड़ी तैयारी शुरू कर दी है. केंद्र सरकार ने कपास (Cotton) के इंपोर्ट पर लगने वाले कस्टम ड्यूटी को 30 सितंबर तक नहीं लगाने का फैसला किया है. इतना ही नहीं कॉटन के इंपोर्ट पर कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस भी नहीं वसूला जाएगा. वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू ने इस फैसले को लेकर गजेट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.
इस फैसले पर केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, कॉटन पर 30 सितंबर तक इम्पोर्ट ड्यूटी हटाने का निर्णय उद्योग के लिए सस्ते कच्चे माल की उपलब्धता बढ़ेगी, उत्पादन लागत घटेगी और ग्लोबल कम्पटीशन में बढ़त मिलेगी, लाखों रोजगारों को सुरक्षित करेगा और MSMEs को मजबूती देगा. इस फैसले के लिए गिरिराज सिंह ने प्रधानमंत्री का आभार भी प्रकट किया है.
ये माना जा रहा है कि सरकार ने कच्चे कपास की सप्लाई को बढ़ाने के मकसद और फसल कटाई के मौसम से पहले कीमतों को स्थिर रखने के लिए 40 दिनों के लिए आयात शुल्क वसूली को सस्पेंड किया है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने 18 अगस्त को जारी नोटिफिकेशन के तहत कपास पर ड्यूटी हटा दिया है, जो 19 अगस्त से 30 सितंबर 2025 तक प्रभावी रहेगा. वित्त वर्ष 2023-24 में कपास आयात 579.2 मिलियन डॉलर था, जो वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर 1.20 अरब डॉलर हो गया है — यानी 107.4% का उछाल. पिछले साल ऑस्ट्रेलिया से 258.2 मिलियन डॉलर, अमेरिका से 234.1 मिलियन डॉलर, ब्राज़ील से 180.8 मिलियन डॉलर और मिस्र से 116.3 मिलियन डॉलर का सप्लाई देखने को मिला था.
कपास के इंपोर्ट पर फरवरी 2021 से 11% टैरिफ लगता था — जिसमें 5% बेसिक कस्टम ड्यूटी और 5% कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस शामिल था. GTRI के मुताबिक, इंपोर्ट ड्यूटी हटाने से उन मिलों को राहत मिलेगी जो ऊँची लागत से जूझ रही हैं, साथ ही धागा और कपड़ा निर्यातकों को भी मदद मिलेगी जिन्हें भारी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा था. सरकार ने यह राहत केवल 40 दिनों के लिए दी है ताकि घरेलू कपास की कीमतों पर दबाव न बने और किसानों को नुकसान न हो. यह कदम अस्थायी है और नई फसल आने से पहले बाज़ार को स्थिर करने के लिए उठाया गया है.
सरकार के इस फैसले को अमेरिका के टैरिफ वॉर से भी जोड़कर देखा जा रहा है. राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत 25 फीसदी टैरिफ लगाया है और रूस से क्रूड ऑयल खरीदने के चलते 27 अगस्त से 25 फीसदी टैरिफ पेनल्टी के तौर पर लगाने का फैसला किया है. इससे भारत से गार्रेमेंट्स एक्सपोर्ट पर असर पड़ सकता है. ऐसे में एक्सपोर्टर्स को राहत देने के मकसद से भी ये फैसला लिया गया है.