
भारतीयों को रास आ रहा रूसी शराब, 10 महीनों में 4 गुना बढ़ गया रूस से निर्यात
इस बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह वोडका रही है. कुल शराब निर्यात में वोडका की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा रही है.
भारत अब रूस की शराब कंपनियों के लिए एक नया और बड़ा बाजार बनता जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2025 के पहले 10 महीनों में रूस से भारत आने वाली शराब की मात्रा की मात्रा में कई गुना का इजाफा देखने को मिला है.
रूस के कृषि मंत्रालय की संस्था एग्रोएक्सपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से अक्टूबर 2025 के बीच रूस ने भारत को करीब 520 टन शराब का निर्यात किया है जिसकी कीमत करीब 9 लाख डॉलर रही है. यह पिछले साल की तुलना में वजन के हिसाब से तीन गुना और कीमत के हिसाब से करीब चार गुना ज्यादा है.
वोडका की सबसे ज्यादा मांग
इस बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह वोडका रही है. कुल शराब निर्यात में वोडका की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा रही है. अकेले वोडका का कारोबार करीब 7.6 लाख डॉलर का रहा है. इसके अलावा जिन, व्हिस्की और लिकर भी भारत भेजी गई.
भारत में सबसे तेज बढ़ोतरी
हालांकि रूस से शराब खरीदने वाले देशों में भारत अभी 14वें नंबर पर है, लेकिन सबसे तेज बढ़ोतरी भारत में ही देखने को मिली है. कुल निर्यात में भारत की हिस्सेदारी अभी करीब 1.5 फीसदी ही है, फिर भी ग्रोथ सबसे ज्यादा रही है. रूस की शराब के बड़े खरीदार देशों में कजाकिस्तान, जॉर्जिया, चीन, अजरबैजान, आर्मेनिया और बेलारूस शामिल है.
भारत क्यों है रूस के लिए खास
जानकारों के मुताबिक भारत में शराब की बढ़ती मांग, बदलती लाइफस्टाइल और प्रीमियम शराब की बढ़ती पसंद के कारण विदेशी कंपनियां भारत को एक बड़े बाजार के रूप में देख रही है. इसी वजह से रूसी शराब कंपनियां भी अब भारत पर ज्यादा ध्यान दे रही है.

