भारतीय निवेशकों के लिए ब्लैक मंडे, US में मंदी की आहट का असर; डूब गए करोड़ों
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भारतीय निवेशकों के लिए ब्लैक मंडे, US में मंदी की आहट का असर; डूब गए करोड़ों

अमेरिका में मंदी आहट से यूएस स्टॉक एक्सचेंज बूरी तरह से हिला था। भारतीय शेयर बाजार भी अछूता नहीं रहा। सेंसेक्स में गिरावट की वजह से लाखों करोड़ स्वाहा हो गए।


Indian Stock Market : अमेरिका में मंदी की आहट से भारत के शेयर बाज़ार पर भी बुरा असर पड़ता दिख रहा है. सप्ताह का पहला दिन सोमवार शेयर बाज़ार में ब्लैक मंडे की तरफ बढ़ता नजर आ रहा है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि प्री-ओपन में सेंसेक्स और निफ्टी मुंह के बल गिरे ही थे कि बाज़ार खुलते ही धड़ाम हो गए.

बीते सप्ताह की बात करें तो सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को बाज़ार में बड़ी गिरावट देखि गयी थी. अनेक बड़ी कंपनियों के शेयर अर्श से फर्श पर गि पड़े थे. इस सबके पीछे अमेरिका में आने वाली मंदी की आहट को बताया जा रहा है, जिसके वजह से अमेरिका का स्टॉक मार्किट हिला तो उसकी कम्पन्न भारत के शेयर बाज़ार तक महसूस हुई.

बाज़ार खुलते ही औंधे मुंह गिरा

सोमवार को जैसे ही बाज़ार खुला तो सबसे पहले बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयर वाला सेंसेक्स 1200 अंक टूटते हुए 79,700.77 पर पहुँच गया. वहीँ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी-50 भी 423 अंक गिर गया. इस गिरावट की शुरुआत बीते सप्ताह के मार्किट के आखिरी दिन यानी शुक्रवार को ही हो गयी थी, जब भारतीय शेयर मार्केट में भूचाल देखने को मिला था. BSE Sensex 885.60 अंक या 1.08% गिरकर 80,981.95 अंक पर बंद हुआ था. जबकि Nifty50 की बात करें तो ये 293.20 अंक टूटकर 24,717.70 लेवल पर बंद हुआ था.

इस गिरावट के संकेत प्री- ओपनिंग में ही देखने को मिल गए थे. दरअसल, प्री ओपन में सेंसेक्स 3000 अंक से ज्यादा टूट गया था, तो वहीं निफ्टी भी 700 अंक निचे लुड़क गया था.

क्यों अमेरिका में मिल रहे हैं मंदी के संकेत

हाल ही में अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई डाटा में बड़ी कमी दर्ज की गयी है, जिससे अमेरिका में मंदी आने के संकेत मिले हैं. सिर्फ इतना ही नहीं रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में बेरोज़गारी डर भी बढ़ी है, बेरोजगारों की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा दर्ज किया गया है. इन सबका प्रभाव भी अमेरिका बाज़ार पर सीधे देखने को मिला है. इतना ही नहीं आईटी सेक्टर में छंटनी के एलान से ये संकट और भी ज्यादा गहरा गया है, जिसकी वजह से विश्व भर में आईटी सेक्टर में भारी दबाव देखा जा रहा है.

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