IndiGo Update: इंडिगो पर गिरेगी गाज, 5 फीसदी कम की जा सकती है उड़ानें, दूसरी एयरलाइंस को होंगे अलॉट
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IndiGo Update: इंडिगो पर गिरेगी गाज, 5 फीसदी कम की जा सकती है उड़ानें, दूसरी एयरलाइंस को होंगे अलॉट

नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने संसद में कहा कि सरकार स्थिति को गंभीरता से ले रही है और बहुत सख़्त कार्रवाई की जाएगी.


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केंद्र सरकार देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के खिलाफ बड़े कदम की तैयारी है. सरकार इंडिगो के कुल शेड्यूल में से करीब 5% उड़ानें करीब 110 उड़ानों को कम करके उन्हें दूसरी एयरलाइंस को देने पर विचार कर रही है. अगर इंडिगो की हालात में सुधार नहीं हुआ, तो उड़ानें और भी घटाई जा सकती है.

इंडिगो में पिछले 8 दिनों से उड़ानों के कैंसिलेशन का सिलसिला जारी है जिससे लाखों यात्रियों को भारी परेशानी हुई है. अब सरकार इस मामले में कड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रही है.

कैसे बढ़ा संकट?

IndiGo ने DGCA को बताया है कि क्रू की कमी, मौसम,तकनीकी दिक्कतें, नए FDTL नियम, विंटर शेड्यूल में बदलाव जैसी कई वजहें एक साथ होने से यह समस्या पैदा हुई है. एयरलाइन ने यह भी कहा है कि इतने कम समय में असली वजह बताना मुश्किल है और उन्हें पूरी जांच के लिए और समय चाहिए.

सरकार की सख़्त चेतावनी

नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने संसद में कहा कि सरकार स्थिति को गंभीरता से ले रही है और बहुत सख़्त कार्रवाई की जाएगी. अगर इंडिगो की गलती पाई गई, तो उसके COO इसिद्रे पोर्केरास के खिलाफ कड़े कदम उठाये जा सकते हैं. डीजीसीए की चार सदस्यीय टीम जांच कर रही है और जरूरत पड़ने पर इंडिगो के टॉप अधिकारियों को तलब किया जाएगा. रिपोर्ट आने के बाद तय होगा कि उड़ानें और कम होंगी या नहीं. नागरिक उड्डयन मंत्री ने यह भी कहा कि यह संकट दिखाता है कि एक ही एयरलाइन पर अत्यधिक निर्भरता खतरनाक है. इंडिगो के पास घरेलू बाजार का 65% हिस्सा है। सरकार चाहती है कि और एयरलाइंस भी मार्केट में आएं.

यात्रियों पर बड़ा असर

इंडिगो की अब तक 5,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुई है जिससे करीब 6 लाख यात्री प्रभावित हुए हैं. दिल्ली एयरपोर्ट के T1 पर सैकड़ों बैग बिना दावा पड़े रहे हैं. यात्रियों को नई बुकिंग के लिए घंटों लाइन में खड़े रहना पड़ रहा है.

शेयर बाजार में भी झटका

इंडिगो की पैरेंट कंपनी InterGlobe Aviation के शेयर में गिरावट का सिलसिला जारी है. 28 नवंबर को स्टॉक 5900 रुपये पर था जो अब 5000 रुपये के नीचे 17 फीसदी की गिरावट के साथ 4923 रुपये पर लुढ़क चुका है.

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