
इस साल गोल्ड पर मिला लगभग 80% रिटर्न, 2026 में यहां-यहां हो सकता है मुनाफा
बाजार के जानकारी बता रहे हैं कि साल 2026 में सोना, शेयर और प्रॉपर्टी में 12 से 15% तक रिटर्न मिल सकता है।
सोना अब भी सोना है, मतलब फायदे का सौदा है। बाजार के एक्सपर्ट बता रहे हैं कि इस साल सोने ने 1 लाख रुपए के निवेश को करीब 1.80 लाख बना दिया। यहां, 80% रिटर्न मिला। इसकी तुलना में निवेश के दूसरे सेक्टरों को देखें चाहे वो शेयर बाजार हो या एफडी हो, यहां 1 लाख रुपये का निवेश 1.08 लाख ही बना। यानी, इसमें सिर्फ 8% रिटर्न मिला।
बाजार के जानकारी बता रहे हैं कि साल 2026 में सोना, शेयर और प्रॉपर्टी में 12 से 15% तक रिटर्न मिल सकता है। यानी, 1 लाख के निवेश पर करीब 15 हजार मुनाफा हो सकता है। तो 2026 में कहां-कहां पैसा लगाना फायदे का सौदा हो सकता है, इसे कुछ ऐसे समझते हैं-
1. गोल्ड-सिल्वर में निवेश
फिजिकल गोल्ड-सिल्वर यानी, सिक्के खरीदना। गोल्ड-सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) के जरिए निवेश एक अच्छा रास्ता माना जा रहा है। जिन ज्वेलर्स की साख है, उनसे गोल्ड-सिल्वर के सिक्के या ज्वेलरी खरीद सकते हैं। लेकिन फिजिकल गोल्ड में स्टोरेज और असली-नकली की पहचान समस्या है। वहीं गोल्ड-सिल्वर ETF में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट होना चाहिए। इसमें स्टोरेज और असली-नकली पहचान की समस्या नहीं है।
किसे निवेश करना चाहिए
गोल्ड-सिल्वर में निवेश वो लोग कर सकते हैं जो कम रिस्क में बेहतर रिटर्न चाहते हैं। जैसे रिटायरमेंट प्लान करने वाले, नए निवेशक या ऐसे लोग जो शेयर बाजार से डरते हैं। जानकारों के मुताबिक- अगले साल तक सोना 1.60 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के पार जा सकता है। यानी, मौजूदा भाव से 12-15% का रिटर्न मिल सकता है। कुछ एक्सपर्ट सोने के 1.50 लाख पार होने की संभावना जता रहे हैं।
गोल्ड ने बीते 5 साल में 180% से ज्यादा रिटर्न दिया दिसंबर 2020 में सोना 47,500 रुपए प्रति किलो के करीब था। अब सोना 1.35 लाख प्रति किलो चल रहा है। यानी, 5 साल में सोने ने 180% से ज्यादा रिटर्न दिया है। वहीं 2025 में गोल्ड ने 80% रिटर्न दिया है। दिसंबर 2024 में गोल्ड के दाम 75,500 के करीब थे।
सिल्वर से बीते 5 साल में 300% से ज्यादा रिटर्न दिया दिसंबर 2020 में चांदी 56 हजार प्रति किलो के करीब थी। अब चांदी 2.3 लाख प्रति किलो के करीब चल रही है। यानी, 5 साल में चांदी ने 300% रिटर्न दिया है। वहीं 2025 में सिल्वर ने 150% से ज्यादा रिटर्न दिया है। दिसंबर 2024 में सिल्वर के दाम 85 हजार के करीब थे। अजय केडिया के मुताबिक सिल्वर इस साल 2.70 लाख रुपए किलो के पार जा सकता है। यानी, इसमें भी सोने की ही तरह 15% से ज्यादा रिटर्न मिल सकता है।
२. शेयर बाजार में निवेश
डायरेक्ट कंपनियों के शेयर खरीदने में हाई रिटर्न मिल सकता है, लेकिन रिस्क भी ज्यादा है। मार्केट क्रैश, कंपनी स्पेसिफिक प्रॉब्लम्स, भारी उतार-चढ़ाव के कारण रिसर्च और टाइमिंग की जरूरत पड़ती है। अगर गलत चुनाव किया तो बड़ा नुकसान हो सकता है।
म्यूचुअल फंड्स या इंडेक्स ETF के जरिए भी निवेश कर सकते हैं। इसमें रिस्क कम है, क्योंकि फंड मैनेजर्स निवेश को मैनेज करते हैं। इसमें अलग-अलग शेयरों या सेक्टर में पैसा लगता है। म्यूचुअल फंड स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड नहीं होते, जबकि ETF BSE और NSE पर ट्रेड होते हैं।
शेयर बाजार में निवेश कैसे और कौन कर सकते हैं
डायरेक्ट स्टॉक्स और ETF के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है। जिरोधा, ग्रो, एंजेल वन जैसे एप्स से इसे ऑनलाइन ओपन कर सकते हैं। ये प्लेटफॉर्म्स म्यूचुअल फंड में निवेश की भी सुविधा देते हैं। इसमें वन टाइम से SIP के जरिए निवेश किया जा सकता है।
लेकिन इक्विटी में निवेश वो लोग करें जो हाई रिस्क ले सकते हैं और लॉन्ग टर्म (5-10 साल+) के लिए अच्छा रिटर्न चाहते हैं। जैसे यंग इन्वेस्टर्स, वेल्थ क्रिएशन के लिए, रिटायरमेंट प्लानिंग। पुराना रिकॉर्ड बताता है कि बाजार लॉन्ग टर्म में बेस्ट परफॉर्मिंग एसेट क्लास है।
ICICI डायरेक्ट, एक्सिस सिक्योरिटीज के मुताबिक- 2026 के आखिर तक निफ्टी 29,000 के पार जा सकता है। यानी, मौजूदा 26,000 के स्तर से 12-15% का रिटर्न पॉसिबल है। लॉन्ग टर्म में इक्विटी से 12-15% सालाना रिटर्न की उम्मीद की जाती है।
निफ्टी ने बीते 5 साल में 90% रिटर्न दिया। 3 साल में निफ्टी ने 45% रिटर्न दिया। 1 साल में निफ्टी ने 10% रिटर्न दिया।
3. रियल एस्टेट में निवेश
डायरेक्ट रियल एस्टेट यानी, घर/प्लॉट/कॉमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदना। इसमें लॉन्ग टर्म में पैसा बढ़ता है और रेंटल इनकम का फायदा मिलता है। लेकिन हाई इनिशियल कॉस्ट, मेंटेनेंस, किरायेदार, बेचने में टाइम लगना, स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस जैसी प्रॉब्लम है।
REITs यानी, रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स का सबसे बड़ा फायदा ये है कि छोटी रकम से कॉमर्शियल प्रॉपर्टी (ऑफिस, मॉल्स) में हिस्सेदारी मिल जाती है। इसमें प्रोफेशनल मैनेजमेंट, हाई लिक्विडिटी और रेगुलर डिविडेंड का फायदा मिलता है।
निवेश के तरीके
डायरेक्ट प्रॉपर्टी के लिए रियल एस्टेट एजेंट्स या डेवलपर्स से खरीद सकते हैं। वहीं REITs में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट चाहिए। पॉपुलर REITs जैसे एंबेसी ऑफिस पार्क्स, माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स को जिरोधा, ग्रो जैसे एप्स से स्टॉक की तरह खरीद सकते हैं। हां, लेकिन रियल एस्टेट/REITs में निवेश वो लोग करें जो मीडियम रिस्क में स्टेबल इनकम और लॉन्ग टर्म ग्रोथ चाहते हैं। जैसे रिटायरमेंट प्लानिंग, पैसिव इनकम चाहने वाले, या डाइवर्सिफिकेशन के लिए।
REITs नए निवेशकों के लिए काफी अच्छा ऑप्शन है। पुराना रिकॉर्ड बताता है कि REITs स्टेबल रिटर्न देते हैं। बीते 5 साल में भारतीय REITs ने इंडेक्स बेसिस पर 12-15% सालाना रिटर्न दिया है। कितना रिटर्न मिल सकता है: रियल एस्टेट सर्विसेज कंपनी एनारॉक और कुशमैन एंड वेकफील्ड के मुताबिक 2026 में REITs से 12-15% का रिटर्न पॉसिबल है।
वहीं डायरेक्ट रियल एस्टेट में मेट्रो सिटीज में 8-12% सालाना एप्रिशिएशन की उम्मीद है, लेकिन ये पूरी तरह से लोकेशन पर डिपेंड करता है। भारत में पहला REIT 'एम्बेसी ऑफिस पार्क्स' था। इस लिस्टिंग 1 अप्रैल 2019 को BSE और NSE पर हुई थी। वहीं REITs को ट्रैक्स करने के लिए पहला इंडेक्स निफ्टी REITS एंड INVITS 2023 में लॉन्च हुआ था। तब ये 980 के स्तर पर था जो अब बढ़कर 1300 रुपए पर पहुंच गया है। यानी, करीब 2 साल में इसने करीब 30% दिया है।
4. फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे में निवेश
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) यानी, बैंक में पैसा जमा करना। डेट म्यूचुअल फंड्स या बॉन्ड ETF के जरिए निवेश ऑनलाइन या ब्रांच से आसानी से कर सकते हैं। सीनियर सिटिजन्स को एक्स्ट्रा 0.5% मिलता है। वहीं डेट म्यूचुअल फंड्स में निवेश ग्रो, जिरोधा जैसे एप्स से कर सकते हैं।
अब सवाल ये आता है कि किसे निवेश करना चाहिए। तो डेट इंस्ट्रूमेंट में निवेश वो लोग करें जो बहुत कम रिस्क में स्टेबल रिटर्न चाहते हैं। जैसे रिटायरमेंट प्लान करने वाले, सीनियर सिटिजन्स, इमरजेंसी फंड बनाने वाले, या ऐसे निवेशक जो इक्विटी की वोलेटिलिटी से बचना चाहते हैं। बीते 5 साल में इसमें 7-9% सालाना रिटर्न मिला है। कितना रिटर्न मिल सकता है: FD में बड़े बैंक 6-7% ब्याज दे रहे हैं, जबकि डेट फंड्स में 7-9% की उम्मीद है।

