anmol jaggi and punit jaggi founder of jensol
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जेनसोल के संस्थापक अनमोल जग्गी (बाएं) और पुनीत जग्गी (दाएं) दोनों SEBI के रडार पर हैं

EV के लिए लोन ऐशो-आराम में खर्च, BluSmart के जग्गी ब्रदर्स की जालसाजी

SEBI ने जांच में पाया कि जेनसोल ने निवेशकों को ये कहकर गुमराह किया गया कि उसे जनवरी में हुए भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो में 30,000 EV के प्री-ऑर्डर मिले हैं।


जग्गी भाइयों, अनमोल जग्गी और पुनीत जग्गी ने BluSmart की इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए दिए गए लोन फंड्स का कैसे दुरुपयोग किया, इसको लेकर हो रहे खुलासे हैरान करने वाले हैं।

दोनों भाई EPC कंपनी Gensol Engineering Ltd और EV कैब सेवा BluSmart के प्रमोटर हैं। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की जांच में ये सामने आया है कि जग्गी ब्रदर्स ने सरकारी ऋण एजेंसियों द्वारा 1,700 इलेक्ट्रिक कारों की खरीद के लिए दिए गए ₹262 करोड़ जो लोन लिया वो निजी ऐशो-आराम में खर्च कर दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जग्गी भाइयों ने गुरुग्राम के सबसे खास आवासीय क्षेत्रों में से एक “द कैमेलियास” में एक शानदार फ्लैट लिया, जिसकी कीमत ₹43 करोड़ है। जिसके ठीक सामने एक भव्य गोल्फ कोर्स है।

इनके पास अमेरिका की टेलरमेड कंपनी का ₹26 लाख का प्रीमियम गोल्फ सेट मिला। उनकी माँ और दोनों की पत्नियों के खातों में ₹11 करोड़ से अधिक धनराशि ट्रांसफर की गई। SEBI की जांच में यह सामने आया है कि यह भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में अब तक के सबसे बड़े घोटालों में से एक हो सकता है, जो इसे वर्षों तक बदनाम कर सकता है।

कुल मिलाकर, अनमोल और पुनीत सिंह जग्गी ने 1,700 इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद के लिए सरकारी संस्थाओं से मिले ₹262 करोड़ के ऋण का उपयोग व्यक्तिगत खर्चों और संबंधित संस्थाओं में धन भेजने के लिए किया।

SEBI द्वारा जारी एक अंतरिम आदेश में यह खुलासा किया गया कि जग्गी भाइयों ने कई जटिल वित्तीय लेनदेन के माध्यम से इन धनराशियों को निजी उपयोग में लगाया, जिनमें लग्ज़री रियल एस्टेट की खरीद और निवेशकों को लगातार गुमराह करना शामिल है।

SEBI का एक्शन

SEBI ने इन दोनों भाइयों को प्रतिभूति बाजार में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया है। यह जांच जून 2024 में स्टॉक में हेरफेर और फंड डाइवर्ज़न की शिकायत के बाद शुरू हुई थी।

15 अप्रैल 2025 को SEBI ने यह आदेश जारी किया, वहीं Gensol के शेयरधारकों द्वारा कंपनी से लगातार बाहर निकलने की प्रक्रिया भी तेज़ हो गई। अगले ही दिन Gensol का शेयर 5% गिरकर ₹123 पर पहुँच गया। पिछले एक महीने में यह शेयर 48% और वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक 84% तक गिर चुका है।

अब जब Gensol पर नियामक दबाव बढ़ गया है, BluSmart का भविष्य भी अधर में है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, BluSmart अपने मुख्य व्यवसाय से बाहर निकलने और प्रतिस्पर्धी Uber के लिए एक फ्लीट पार्टनर बनने की योजना बना रहा है।

दस्तावेज़ों और रिकॉर्ड्स में हेरफेर

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोविड-19 महामारी के दौरान, Gensol ने ₹830 करोड़ में 6,400 EVs खरीदने का निर्णय लिया, जिन्हें BluSmart को लीज़ पर देना था। कुल राशि का 80% IREDA और PFC से लोन के रूप में 2021-22 से 2023-24 के बीच आया था, जबकि बाकी 20% Gensol की हिस्सेदारी थी।

14 फरवरी 2025 तक केवल 4,704 EVs ही ₹568 करोड़ में खरीदी गईं — जबकि पूरी फंडिंग 6,400 गाड़ियों के लिए ली गई थी। SEBI ने कहा:

"इन आंकड़ों के अनुसार ₹262.13 करोड़ (₹829.86 करोड़ – ₹567.73 करोड़) का हिसाब नहीं दिया गया है, जबकि अंतिम फंड मिलने के एक वर्ष से अधिक हो चुका है। इसके अलावा, Gensol ने IREDA और PFC से मिले ऋण की डिफॉल्ट की जानकारी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों (CRA) से छिपाने के लिए फर्जी दस्तावेज़ बनाए। “कंपनी लगातार ‘नो डिफॉल्ट स्टेटमेंट’ जमा करती रही।”

धन डाइवर्ज़न का जटिल जाल

SEBI की जांच के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि जग्गी भाइयों ने नई दिल्ली स्थित GoAuto के जरिए ₹50 करोड़ Capbridge Ventures LLP को भेजे, जिसने उनकी माँ के लिए The Camellias अपार्टमेंट खरीदा।

फिर ₹40 करोड़ GoAuto से Wellray Solar Industries (रिलेटेड पार्टी) को भेजे गए, जिसने यह राशि आगे चार अन्य फर्मों में ट्रांसफर की।

SEBI के अनुसार: “इन लेनदेन से स्पष्ट है कि EV खरीद के लिए लिए गए लोन का इस्तेमाल The Camellias में लग्ज़री अपार्टमेंट खरीदने में किया गया।” Wellray की लगभग 99% हिस्सेदारी ललित सोलंकी के पास है, जो दिसंबर 2018 तक Gensol ग्रुप में Regulatory Affairs Manager थे।

पैसा कहाँ-कहाँ गया?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अन्य जटिल लेनदेन के माध्यम से Wellray ने जग्गी भाइयों को ₹39 करोड़ ट्रांसफर किए, जिनमें ₹26 करोड़ अनमोल और ₹13 करोड़ पुनीत को दिए गए।

अनमोल जग्गी ने इन ₹26 करोड़ में से कुछ का उपयोग निम्नलिखित ऐसे किया कि ₹50 लाख: अशनीर ग्रोवर की Third Unicorn Pvt Ltd को दिए और ₹1.35 करोड़ रुपये BatX Energies Pvt Ltd को (लिथियम-आयन बैटरी रीसाइक्लिंग कंपनी) को दिए। अनमोल इन दोनों कंपनियों के मार्च 2024 से शेयरहोल्डर हैं।

लोन का पैसा, खुद पर खर्चा

लोन के फंड से कई अन्य व्यक्तिगत खर्चे किए गए जैसे ₹26 लाख की लागत से टेलरमेड से गोल्फ सेट खरीदा, ₹6.2 करोड़ माँ जस्मिंदर कौर के खाते में ट्रांसफर किए, ₹2.99 करोड़ पत्नी मुग्धा कौर जग्गी को दिए और ₹1.86 करोड़ विदेशी मुद्रा खरीदने में लगाए।

यही नहीं ₹17.28 लाख की लागत से Titan Company से अपने लिए कुछ खरीदा, ₹11.75 लाख DLF Homes को और ₹3 लाख MakeMyTrip को चुकाए जोकि अपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए खर्च किए गए।

लोगों को धोखे में रखा

SEBI की जांच में यह भी सामने आया कि Gensol ने यह कहकर निवेशकों को गुमराह किया कि उसे जनवरी में Bharat Mobility Global Expo में 30,000 नई EVs के प्री-ऑर्डर मिले हैं।

लेकिन जब दस्तावेज़ों की जांच की गई, तो पता चला कि ये ऑर्डर केवल 9 कंपनियों के साथ हुए Memorandums of Understanding (MOUs) थे — जिनमें न तो कीमत का उल्लेख था, न डिलीवरी शेड्यूल का।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की एक फैक्ट्री विज़िट में यह भी पाया गया कि "पुणे स्थित संयंत्र में कोई मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि नहीं थी, केवल 2-3 मजदूर मौजूद थे।"

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