
भारत-अमेरिका में होगा टैरिफ डील? जेडी वेंस पहुंचे दिल्ली तो निर्मला सीतारमण US में
ट्रंप ने 26 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के फैसले को 90 दिनों के लिए टाल दिया है. लेकिन ये 90 दिन बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. इन 90 दिनों में द्विपक्षीय ट्रेड समझौते को अमलीजामा पहुंचाने की कोशिश होगी.
क्या भारत-अमेरिका में होगा टैरिफ डील? जेडी वेंस पहुंचे दिल्ली तो निर्मला सीतारमण हैं US मेंक्या भारत-अमेरिका में होगा टैरिफ डील? जेडी वेंस पहुंचे दिल्ली तो निर्मला सीतारमण हैं US मेंIndia-US Trade Talks: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 26 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के फैसले को 90 दिनों तक के लिए टालने के बाद उपराष्ट्रपति जेडी वेंस 21 अप्रैल को भारत पहुंचे हैं. जेडी वेंस जब भारत पहुंचे हैं ठीक उसी समय वित्त मंत्री निर्णला सीतारमण भी अमेरिका दौरे पर हैं जहां वे अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रेटरी से मुलाकात करेंगी जिसमें टैरिफ को लेकर बातचीत होने की उम्मीद है.
ट्रंप ने 26 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के फैसले को 90 दिनों के लिए टाल दिया है. लेकिन ये 90 दिन बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. इन 90 दिनों में द्विपक्षीय ट्रेड समझौते को अमलीजामा पहुंचाने की कोशिश होगी. ऐसा नहीं हुआ तो भारतीय उत्पादों पर लगने वाला 10% टैक्स बढ़कर 26% हो जाएगा जो कि भारतीय एक्सपोटर्स के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है.
ट्रंप सरकार भारत के साथ व्यापार समझौता करना चाहती है और जेडी वेंस की यात्रा इसी दिशा में एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है. भारत को उम्मीद है कि अमेरिका से जल्द समझौता होने पर टैरिफ के बोझ से बचा जा सकेगा. इससे पहले भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस यात्रा से भारत-अमेरिका के रिश्ते और गहरे होंगे.
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) के सीईओ और डीजी अजय सहाय के मुताबिक, अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की भारत यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूत करना और टैरिफ से जुड़ी चिंताओं का समाधान करना है. यह यात्रा भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों के महत्व को दर्शाती है और दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के साझा लक्ष्य पर जोर देती है.
भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूती की कोशिश
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी अमेरिका दौरे पर हैं. 22 से 25 अप्रैल 2025 तक वाशिंगटन डी.सी. की यात्रा पर रहेंगी जहां वे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक की स्प्रिंग मीटिंग्स में हिस्सा लेंगी. वैसे तो कई देशों के वित्त मंत्रियों के साथ उनकी वन टू वन मीटिंग होगी. लेकिन सबसे ज्यादा नजरें रहेंगी अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट के साथ होने वाली उनकी द्विपक्षीय बैठक पर जिसमें ये उम्मीद जताई जा रही है कि भारत अमेरिका के बीच द्विपक्षीय ट्रेड एग्रीमेंट पर बात हो सकती है.
अमेरिका भारत के साथ रिश्ते मजबूत करना चाहता है ताकि चीन पर दबाव बना सके. भारत भी अमेरिका से निवेश और तकनीकी सहयोग चाहता है. हालांकि, रूस के साथ भारत के गहरे रिश्तों के कारण अमेरिका से रिश्तों में कुछ तनाव भी आया है, खासकर रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद. लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी की अच्छी दोस्ती रही है. भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ भी घटाया है जिससे वो अमेरिका का विश्वास जीत सके. भारत ने अमेरिका से ज्यादा सामान खरीदने का वादा भी किया है ताकि व्यापार घाटा कम हो. ऐसे में ट्रंप के सबसे भरोसेमंद जेडी वेंस की यात्रा भारत-अमेरिका की ट्रेड रिश्तों को नई उंचाई दे सकता है.