
क्या जुकरबर्ग के हाथ से निकल सकता है Instagram-WhatsApp, पढ़ें इनसाइड स्टोरी
संघीय व्यापार आयोग का आरोप है कि इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप को प्रतिस्पर्धी बनने से पहले ही अधिग्रहित करने के लिए अपनी बाजार शक्ति का दुरुपयोग किया है।
Meta Platforms के संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग 14 अप्रैल को अमेरिका की एक संघीय अदालत में एक महत्वपूर्ण एंटी-ट्रस्ट (प्रतिस्पर्धा-विरोधी) मुकदमे में गवाही देने पहुंचे। यह मुकदमा अमेरिकी सरकार द्वारा दायर किया गया है, जिसमें Meta पर बाजार में एकाधिकार (मोनोपॉली) स्थापित करने का आरोप लगाया गया है। Meta Platforms, फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम की मूल कंपनी है। जुकरबर्ग इसके सह-संस्थापक, चेयरमैन और सबसे बड़े शेयरधारक भी हैं।
क्या है मामला?
फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC), जो अमेरिका की एक शक्तिशाली उपभोक्ता संरक्षण संस्था है। इस संस्था का आरोप है कि Meta ने संभावित प्रतिस्पर्धियों को खरीदकर बाजार में प्रतिस्पर्धा को खत्म करने की साजिश रची। FTC के वकील डेनियल मैथेसन ने मुकदमे की शुरुआत में कहा, "Meta को लगा कि प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल है, इसलिए उन्होंने प्रतिद्वंद्वियों को खरीद लेना बेहतर समझा।"FTC ने एक पुराना ईमेल भी अदालत में पेश किया जिसमें जुकरबर्ग ने इंस्टाग्राम को "डरावना" बताया और लिखा कि "इसलिए हमें इसके लिए बहुत पैसे देने पर विचार करना चाहिए।"
इंस्टाग्राम- व्हाट्सएप की खरीदारी की कहानी
फेसबुक ने 2012 में इंस्टाग्राम, जो उस समय एक छोटा फोटो-शेयरिंग ऐप था, को 1 अरब डॉलर में खरीद लिया। 2014 में Meta ने व्हाट्सएप को 19 अरब डॉलर में खरीदा। FTC के अनुसार, Meta को डर था कि ये दोनों ऐप्स भविष्य में उनके लिए खतरा बन सकते हैं या फिर कोई और प्रतिद्वंद्वी इन्हें खरीद सकता है।FTC यह भी कहता है कि Meta का एकाधिकार इस बात से साफ झलकता है कि उपयोगकर्ताओं को अब बहुत अधिक विज्ञापन, उत्पादों में बार-बार बदलाव और सीमित विकल्प मिलते हैं।
Meta की सफाई क्या है?
Meta की ओर से वकील मार्क हैनसेन ने अदालत में कहा कि अमेरिका में किसी कंपनी को खरीदकर उसका विकास करना गैरकानूनी नहीं है। उन्होंने कहा कि Meta ने इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप में बड़े स्तर पर निवेश कर उन्हें आज के रूप में विकसित किया है। दोनों ऐप्स के 2-2 अरब से अधिक एक्टिव यूजर्स हैं और व्हाट्सएप दुनिया का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला मैसेंजर ऐप बन चुका है।Meta यह भी कह रहा है कि उसके ऐप्स यूजर्स के लिए फ्री हैं और उन्हें कई प्रतिद्वंद्वियों से कड़ी चुनौती मिल रही है।
Meta के लिए दांव पर क्या है?
अगर अदालत FTC के पक्ष में फैसला सुनाती है, तो Meta को इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप को अलग करने (divest) के लिए मजबूर किया जा सकता है। इससे Meta को भारी आर्थिक नुकसान होगा, क्योंकि उसने इन दोनों प्लेटफॉर्म्स में अरबों डॉलर का निवेश किया है। हालांकि अगर कंपनी इन ऐप्स को अच्छे दाम में बेचने में सफल होती है तो कुछ हद तक नुकसान की भरपाई हो सकती है।
क्या जुकरबर्ग पहले से कानूनी पचड़ों में रहे हैं?
मार्क जुकरबर्ग पर यह पहला मुकदमा नहीं है। 2004 में, कैमरोन और टायलर विंकलेवॉस और दिव्या नरेंद्र ने उन पर हार्वर्ड कनेक्शन डॉट कॉम नाम की सोशल नेटवर्किंग साइट बनाने का वादा करके धोखा देने का आरोप लगाया था। इसके अलावा वे समय-समय पर अन्य मुकदमों में भी फंसे हैं।
यह मामला पहली बार दिसंबर 2020 में दर्ज हुआ था, जब डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति थे। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में जुकरबर्ग ने व्हाइट हाउस के कई दौर किए ताकि अदालत से पहले ही समझौता किया जा सके। उन्होंने ट्रंप के उद्घाटन समारोह के लिए फंड भी दिया था और Meta की कंटेंट पॉलिसी में बदलाव भी किए।
जुकरबर्ग ने वॉशिंगटन में 23 मिलियन डॉलर का एक आलीशान घर भी खरीदा है ताकि वह राजधानी में अधिक समय बिता सकें और सरकार से संपर्क में रहें।
क्या सिर्फ Meta ही निशाने पर है?
Meta के खिलाफ चल रहा मुकदमा अकेला नहीं है। अमेरिका में चार और बड़ी टेक कंपनियों के खिलाफ भी प्रतिस्पर्धा विरोधी मुकदमे दर्ज हैं।Google दो मामलों में फंसा है और अगस्त 2024 में उस पर सर्च बाजार में एकाधिकार का दोष भी साबित हुआ है।Apple और Amazon पर भी एंटी-ट्रस्ट मुकदमे चल रहे हैं।
FTC का कहना है कि Facebook और Instagram उन प्लेटफॉर्म्स में अग्रणी हैं जो लोगों को उनके परिवार और दोस्तों से जोड़ते हैं। उनका दावा है कि YouTube और TikTok इस श्रेणी में नहीं आते। वहीं Meta का कहना है कि वह TikTok, YouTube, iMessage और कई अन्य ऐप्स से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा है। Meta अदालत में यह साबित करने की कोशिश करेगा कि वह बहुत बड़े बाजार में काम कर रहा है, न कि सिर्फ उस दायरे में जैसा FTC दावा कर रहा है।