पहली तिमाही में GDP ग्रोथ दर घटकर 6.7%, फिर भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है भारत
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पहली तिमाही में GDP ग्रोथ दर घटकर 6.7%, फिर भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है भारत

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के दौरान भारत की जीडीपी 6.7% तक कम हो गई है.


India GDP Growth: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा शुक्रवार (30 अगस्त) को जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के दौरान भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.7% तक कम हो गया. वहीं, पिछले वर्ष की इसी तिमाही में जीडीपी में 8.2% की वृद्धि देखी गई थी. बता दें कि यह लगातार पांच तिमाहियों में सबसे कम जीडीपी वृद्धि दर है.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कम सरकारी पूंजीगत व्यय, कम कॉर्पोरेट लाभप्रदता और कम कोर आउटपुट का हवाला देते हुए Q1 2024-25 के लिए भारत के जीडीपी विकास पूर्वानुमान को संशोधित कर 7.1% कर दिया था. इस तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी 43.64 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. जबकि, 2023-24 की पहली तिमाही में यह 40.91 लाख रुपये करोड़ था, जो 6.7% की वृद्धि दर है.

नाममात्र जीडीपी या वर्तमान मूल्यों पर जीडीपी 77.31 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. जबकि, 2023-24 की पहली तिमाही में यह 70.50 लाख करोड़ रुयये थी, यानी कि 9.7% की वृद्धि दर. वास्तविक सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) 40.73 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. जबकि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में यह 38.12 लाख करोड़ रुपये थी, जो 6.8% की वृद्धि दर को दर्शाता है.

दूसरी ओर नाममात्र जीवीए 70.25 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. जबकि पिछले वर्ष यह 63.96 लाख करोड़ रुपये थी, यानी 9.8% की वृद्धि दर को दर्शाता है. वित्तीय, रियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाओं ने इस तिमाही के नाममात्र जीवीए में सबसे अधिक 26% का योगदान दिया. इसके बाद कृषि, पशुधन, वानिकी और मत्स्य पालन, साथ ही लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं ने 16% का योगदान दिया.

खनन और उत्खनन के साथ-साथ बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाएं 2% पर सबसे कम नाममात्र जीवीए योगदानकर्ता थीं. निर्माण क्षेत्र 10% के साथ सबसे अधिक वृद्धि दर वाला क्षेत्र था. जबकि कृषि, पशुधन, वानिकी और मत्स्य पालन में केवल 2% की सबसे कम वृद्धि हुई.

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