
3 साल बाद भारत विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यस्था, मॉर्गन स्टेनली की भविष्यवाणी
2028 तक भारत, जर्मनी को पछाड़ कर अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन सकता है। मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट कई सकारात्मक वजहों का जिक्र है।
Morgan Stanley Report: मॉर्गन स्टेनली की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है। इसका कारण भारत का एक मजबूत उपभोक्ता बाजार के रूप में उभरना और वैश्विक उत्पादन में इसकी बढ़ती हिस्सेदारी है। स्थिर आर्थिक नीतियां, बेहतर बुनियादी ढांचा और मजबूत उद्यमिता संस्कृति भी इस विकास में योगदान दे रहे हैं।
भारत की जीडीपी का अनुमानित विकास
रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत की अर्थव्यवस्था 3.5 ट्रिलियन डॉलर की थी, जो 2026 तक 4.7 ट्रिलियन डॉलर और 2028 तक 5.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। इससे भारत जर्मनी को पीछे छोड़कर अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। 1990 में भारत दुनिया की 12वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, जो 2023 में पांचवें स्थान पर पहुंच गया। 2029 तक भारत का वैश्विक जीडीपी में योगदान 3.5% से बढ़कर 4.5% होने की उम्मीद है।
विकास के तीन संभावित परिदृश्य
रिपोर्ट में भारत की आर्थिक प्रगति के तीन संभावित परिदृश्य प्रस्तुत किए गए हैं:
बेयर परिदृश्य:
2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था 3.65 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2035 तक 6.6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचेगी।
प्रति व्यक्ति जीडीपी 2,514 डॉलर से बढ़कर 4,247 डॉलर हो जाएगी।
बेस परिदृश्य:
2035 तक अर्थव्यवस्था 8.8 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान।
प्रति व्यक्ति जीडीपी 5,683 डॉलर तक होगी।
बुल परिदृश्य:
भारत की अर्थव्यवस्था 10.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है।
प्रति व्यक्ति जीडीपी 6,706 डॉलर तक बढ़ सकती है।
मजबूत आर्थिक कारक और भविष्य की संभावनाएं
मॉर्गन स्टेनली का मानना है कि भारत आने वाले दशकों में वैश्विक उत्पादन में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाएगा। इस विकास को बढ़ावा देने वाले प्रमुख कारक हैं:
तेज जनसंख्या वृद्धि और युवा कार्यबल
कार्यशील लोकतंत्र और स्थिर आर्थिक नीतियां
मजबूत बुनियादी ढांचा और बढ़ता उद्यमी वर्ग
सामाजिक-आर्थिक सुधारों में निरंतर प्रगति
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत दुनिया का सबसे लोकप्रिय उपभोक्ता बाजार बन सकता है, ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन होगा और विनिर्माण क्षेत्र का जीडीपी में योगदान बढ़ेगा।
आर्थिक स्थिरता और नीतिगत समर्थन
मॉर्गन स्टेनली ने चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.3%, जबकि अगले वित्त वर्ष (2025-26) के लिए 6.5% रहने का अनुमान लगाया है।
इसके अलावा:
आयकर में कटौती से शहरी मांग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे उपभोग में सुधार होगा।
सार्वजनिक और घरेलू पूंजीगत व्यय आर्थिक विकास को गति दे रहे हैं।
निजी कॉर्पोरेट निवेश धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है।
सेवा निर्यात में मजबूती से श्रम बाजार को समर्थन मिलेगा।
खाद्य कीमतों में गिरावट से मुद्रास्फीति (CPI) घटकर 4% के करीब आ गई है, जिससे क्रय शक्ति में सुधार की संभावना है।
भारत की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है और वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति को सुदृढ़ कर रही है। मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि स्थिर आर्थिक नीतियां, बुनियादी ढांचे में सुधार और बढ़ती उपभोक्ता मांग भारत को 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना सकते हैं।