म्यूचुअल फंड बने निवेशकों की पसंद, आखिर कहां से आ रहा है इतना निवेश
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म्यूचुअल फंड बने निवेशकों की पसंद, आखिर कहां से आ रहा है इतना निवेश

बाजार में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं. लेकिन म्यूचुअल फंड बड़ी संख्या में निवेशकों की पसंद बन चुका है. दरअसल बेहतर रिटर्न बड़ी वजह है.


Mutual Fund Investment: हर शख्स की चाहत होती है कि उसे निवेश का अच्छा रिटर्न मिले. इसके लिए निवेशक अलग अलग फंड में अपनी रकम लगाते हैं. म्यूचुअल फंड उनमें से एक है. म्यूचुअल फंड में निवेश कहां से आ रहा है उसे लेकर दिलचस्प जानकारी सामने आई है, म्युचुअल फंड इंडस्ट्री का औसत सीएजीआर पिछले पांच वर्षों में 24.5 फीसद का रहा है. अगर इस आंकड़े पर नजर डालें तो इससे बेहतर निवेश का विकल्प आपको शायद मिले. ये तो म्यूचुअल फंड से होने वाले रिटर्न की बात है. लेकिन हम बात करेंगे कि आखिर निवेश के मामले में किस तरह के शहर आगे हैं क्योंकि पहले म्यूचुअल फंड का क्रेज मेट्रो शहरों में ही था. लेकिन अब इसका फैलाव टीयर-2 के शहरों में भी हो रहा है.

2020 से 2024 का तुलनात्मक अध्ययन
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ने मार्च 2020 और मई 2024 के आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन किया है. इसके मुताबिक मई 2024 में 18 फीसद निवेश टॉप 30 शहरों से हटकर आया जबकि मार्च 2020 में यह आंकड़ा 16 फीसद था. बी-30 शहरों से निवेश मार्च 2019 के आंकड़े 5.12 लाख करोड़ से बढ़कर 14.14 लाख करोड़ के स्तर पर है जिसका सीएजीआर 22 फीसद था. जबति उसी अवधि में टी-30 शहरों से आने वाला निवेश 17. 66 लाख करोड़ से बढ़कर 37.20 लाख करोड़ है जिसका सीएजीआर 16 फीसद है. बी-30 शहरों का अंशदान मार्च 2019 में 21.5 से बढ़कर 26.3 फीसद हो चुका है.

बड़े शहरों का अंशदान कम हुआ
अगर शहरों के हिसाब से आंकड़ों को देखें तो टॉप पांच शहरों का अंशदान एयूएम में 20 फीसद तक घटा है. वास्तव में देश के आठ बड़े शहर मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, पुणे, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद पीछे हैं.
लेकिन, शीर्ष पांच शहरों के अलावा, 104 शहरों में से 86 में एयूएम वृद्धि राष्ट्रीय औसत से अधिक थी। इनमें से, गांधीनगर और धनबाद में हर साल 48 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई, जबकि बिलासपुर, छत्तीसगढ़, पनवेल, महाराष्ट्र, त्रिशूर, केरल, अजमेर, राजस्थान और ग्वालियर, मध्य प्रदेश में 40 प्रतिशत प्रति वर्ष की वृद्धि हुई।

छोटे शहरों ने मारी बाजी
इन 10 शहरों से निवेश के आंकड़ों में इजाफा सीएजीआर ग्रोथ रेट मार्च 2020 से मार्च 2024 तक के आंकड़े हैं.
गांधीनगर 48 फीसद, दूसरे शहर 42.2, मीरा रोड 40, बिलासपुर 40, पनवेल 40, थ्रिसुर 40, अजमेर 40, ग्वालियर 37.7, कोटा 37. 7 फीसद है. मनीकंट्रोल द्वारा मार्च 2024 से मार्च 2020 के बीच की अवधि के लिए विश्लेषण किए गए 104 शहरों में से 36 में प्रति वर्ष 33 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, इन भौगोलिक क्षेत्रों में बाजार का आकार अभी भी कम है. मार्च 2024 के अंत तक मुंबई का कुल एयूएम 14.3 लाख करोड़ रुपये था, गांधीनगर का 7,476 करोड़ रुपये, पटना का 20,293 करोड़ रुपये और जयपुर का 44,234 करोड़ रुपये था.

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