FII की बिकवाली से घबराने की नहीं जरूरत, भारतीय बाजार दे रहा बेहतर रिटर्न: सीतारमण
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FII की बिकवाली से घबराने की नहीं जरूरत, भारतीय बाजार दे रहा बेहतर रिटर्न: सीतारमण

Sitharaman ने कहा कि भारतीय बाजार और अर्थव्यवस्था ऐसी स्थिति में है, जिसमें निवेश भी अच्छे रिटर्न दे रहे हैं और मुनाफा भी हो रहा है.


FII selling concerns: भारतीय शेयर बाजार फिलहाल दबाव में नजर आ रहा है. निवेशकों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि मार्केट की दिशा क्या होगी? पिछले दिनों भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई और निवेशकों के हजारों करोड़ रुपये डूब गए. इसके पीछे की सबसे अहम वजह विदेशी निवेशकों द्वारा बाजार से पैसा निकालना बताई जा रही है. बाजार में चल रही आशंका के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निवेशकों से भारतीय बाजार पर भरोसा कायम रखने की बात कही है. वित्त मंत्री का कहना है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली से घबराने की जरूरत नहीं है. भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था के चलते निवेशक बेहतर रिटर्न प्राप्त कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि FII जब मुनाफा कमा चुके होते हैं, तब भारतीय बाजार से बाहर जाते हैं. आज भारतीय बाजार और अर्थव्यवस्था ऐसी स्थिति में है, जिसमें निवेश भी अच्छे रिटर्न दे रहे हैं और मुनाफा भी हो रहा है. बता दें कि FII ने पिछले साल अक्टूबर से अब तक 1.56 लाख करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे हैं, जिनमें से लगभग 1 लाख करोड़ रुपये 2025 में ही बिक गए हैं. इसकी वजह से भारतीय स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट देखी गई और निवेशकों की संपत्ति काफी घट गई.

वहीं, वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि FII एक उभरते बाजार से दूसरे उभरते बाजार में नहीं जा रहे हैं और यह जो वैश्विक अनिश्चितताएं इस समय देखने को मिल रही हैं, उनके समय में वे आमतौर पर अपने मूल देश में वापस चले जाते हैं. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि ये बदलाव अस्थायी हो सकते हैं. पांडे ने यह भी कहा कि मांग-आपूर्ति के अलावा विकास की संभावनाएं भी निवेशकों के व्यवहार को प्रभावित करती हैं. भारत सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है और हाल ही में घोषित बजट में विकास-उन्मुख उपायों की झड़ी लगी है. उन्होंने कहा कि हमने अतीत में वैश्विक मंदी का सामना किया है और आगे भी करेंगे. लेकिन मुझे लगता है कि भारत इस स्थिति को संभालने के लिए मजबूत स्थिति में है.

आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने भारी बिकवाली के कारण सरकार के बाजार में हस्तक्षेप करने के विचार को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा कदम केवल तभी उठाया जा सकता है, जब बाजार में विफलता का कोई प्रमाण हो, जो कि वर्तमान में नहीं है. शेयर केवल सरकारी नीतियों पर काम नहीं करते. विदेशी निवेशक अनिश्चितताओं के समय विकसित या बड़े बाजारों में जाते हैं. उन्होंने कहा कि जबकि भारत ने विश्व स्तर पर घटनाओं के मामले में लचीलापन दिखाया है, वह पूरी तरह से अलग नहीं हुआ है.

US द्वारा लगाए गए शुल्कों के बारे में एक सवाल पर सीतारमण ने कहा कि भारत अधिक निवेशक-मित्र बनने की दिशा में काम कर रहा है और कस्टम ड्यूटी में सुधार पर हाल ही में किए गए बजट घोषणाओं का हवाला दिया. सीतारमण ने कहा कि भारत ने पिछले दो वर्षों में स्थानीय उद्योग और नौकरियों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से शुल्कों के मोर्चे पर कई कदम उठाए हैं और यह भी बताया कि सेफगार्ड या एंटी-डंपिंग शुल्कों की भी समय-समय पर समीक्षा की जाती है.

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