GST रिटर्न फाइलिंग पर समय की सीमा तय, देर करने वालों को लगेगा बड़ा झटका
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GST रिटर्न फाइलिंग पर समय की सीमा तय, देर करने वालों को लगेगा बड़ा झटका

New GST filing rules: जुलाई 2025 से GST रिटर्न फाइलिंग के लिए तीन साल की समयसीमा तय कर दी गई है. करदाताओं को सलाह दी गई है कि वे अपने पेंडिंग रिटर्न जल्द फाइल कर लें, वरना उन्हें ITC और टैक्स रिफंड से वंचित होना पड़ सकता है.


GST return deadline 2025: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (GSTN) ने शनिवार को घोषणा की कि जुलाई 2025 टैक्स पीरियड से कोई भी GST रिटर्न उसकी मूल नियत तारीख से 3 साल बीतने के बाद फाइल नहीं किया जा सकेगा. इसका मतलब है कि अगस्त 2025 से जब जुलाई 2025 की रिटर्न फाइलिंग शुरू होगी, तब से यह नियम प्रभावी होगा.

कौन से रिटर्न होंगे प्रभावित?

GSTN के अनुसार, निम्नलिखित रिटर्न निर्धारित समय (3 साल) बीतने के बाद GST पोर्टल पर फाइल नहीं किए जा सकेंगे:-

GSTR-1 (आउटवर्ड सप्लाई रिटर्न)

GSTR-3B (मासिक टैक्स देनदारी रिटर्न)

GSTR-4

GSTR-5, GSTR-5A (गैर-निवासी टैक्सदाता)

GSTR-6 (इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर)

GSTR-7 (TDS रिटर्न)

GSTR-8 (TCS रिटर्न)

GSTR-9 (एनुअल रिटर्न)

GSTN ने कहा कि यह संशोधन वित्त अधिनियम 2023 (Finance Act 2023) के जरिए किया गया था और इसे अब तकनीकी रूप से पोर्टल पर लागू किया जा रहा है.

करदाताओं को सलाह

GSTN ने करदाताओं को सलाह दी है कि जो भी रिटर्न अब तक पेंडिंग हैं, उन्हें जितना जल्दी हो सके फाइल कर लें, ताकि समयसीमा के बाद रिटर्न फाइल करने से वंचित न हो जाएं. बता दें कि GSTN ने अक्टूबर 2024 में ही करदाताओं को इस नए प्रावधान के बारे में पूर्व चेतावनी दे दी थी कि इसे 2025 की शुरुआत में लागू किया जाएगा. अब इसकी समयसीमा जुलाई 2025 निर्धारित कर दी गई है.

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