Promotion and Regulation of Online Gaming Bill
x

ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन को कंपनियां बता रही दुर्भाग्यपूर्ण, संसद से बिल पास, राष्ट्रपति से मंजूरी मिलना बाकी

ऑनलाइन मनी गेम्स प्लेटफॉर्म को लेकर फाइनेंशियल फ्रॉड और मनी लॉंड्रिंग की भी शिकायत आई है जिसपर रोक लगाने के मकसद से सरकार ये बिल लेकर संसद में आई है. लेकिन कंपनियां इससे खुश नहीं है.


ऑनलाइन गेमिंग पर नकेल कसने के लिए लाया प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 (Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025 मानसून सत्र के आखिरी दिन राज्यसभा से भी पारित हो गया है. हालांकि सदन में हंगामे के चलते बिल पर कोई चर्चा नहीं हुई. बुधवार 20 अगस्त को लोकसभा से भी बिल पास हो चुका है.राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन अस्तित्व में आ जाएगा.

ऑनलाइन मनी गेम्स में नुकसान पर आत्महत्या कर रहे लोग

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल को पेश किया. बिल का मकसद ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेमिंग को बढ़ावा देना है लेकिन ऑनलाइन मनी गेम्स को बैन करना शामिल है. बिल के प्रावधानों पर नजर डालें तो ऑनलाइन मनी गेम्स को लेकर विज्ञापन देना अपराध की श्रेणी में आएगा. बैंकों या वित्तीय संस्थान ऑनलाइन मनी गेम्स के ट्रांजैक्शन की इजाजत नहीं देंगे.

बड़े रिटर्न की उम्मीद में लोग पैसे लगाकर ऑनलाइन मनी गेम्स खेलते हैं. हालांकि इसके चलते लोगों में ऑनलाइन मनी गेम्स खेलने की नशा तक का रूप ले चुका है. गेम्स खेलने पर नुकसान होने पर लोग आत्महत्या तक कर लेते हैं. ऑनलाइन मनी गेम्स प्लेटफॉर्म को लेकर फाइनेंशियल फ्रॉड और मनी लॉंड्रिंग की भी शिकायत आई है जिसपर रोक लगाने के मकसद से सरकार ये बिल लेकर संसद में आई है.

सलाना 20,000 करोड़ का नुकसान

एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑनलाइन रियल मनी गेम्स खेलने के चलते 45 करोड़ लोग हर साल 20,000 करोड़ रुपये तक गवां देते हैं. हालांकि ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के फेडरेशन ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कहा है कि ऑनलाइन मनी गेमिंग को बैन करने के चलते 2 लाख लोगों का रोजगार चला जाएगा साथ ही 400 के करीब कंपनियां बंद हो जाएंगी. एक अनुमान के मुताबिक, ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री का वैल्यू 2 लाख करोड़ रुपये के बराबर है जिसका रेवेन्यू 31000 कोरड़ रुपये है 20,000 करोड़ रुपये टैक्स इससे आता है.

बैन को कंपनियां बता रही दुर्भाग्यपूर्ण

संसद से ऑनलाइन गेमिंग बिल के पास होने पर दिग्गज ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Probo ने एक बयान जारी कर कहा, “यह हमारे लिए दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन हम भारत सरकार के नए ऑनलाइन गेमिंग विधेयक का सम्मान करते हैं. इसी कारण Probo ने तत्काल प्रभाव से अपने रियल मनी गेमिंग (RMG) संचालन को अगले आदेश तक बंद करने का निर्णय लिया है. हम भारत से दुनिया के लिए इन्फॉर्मेशन मार्केट्स को विकसित करने और इनोवेशन करने की अपनी विजन पर बने रहेंगे.”

कंपनी ने कहा, उपभोक्ताओं की सुरक्षा और नियमों की स्पष्टता लाने का इरादा सही कदम है, लेकिन कंपनी का कहना है कि सभी रियल मनी गेम्स (RMGs) पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने से इस सेक्टर की संभावनाओं को धक्का लगेगा और नए प्रयोग रुक सकते हैं. यह विधेयक उपभोक्ताओं, कर्मचारियों, निवेशकों और कंपनियों सभी के हितों की रक्षा करता है. इसके साथ ही यह ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा देता है, एक सेंट्रल रेगुलेटरी संस्था बनाने का रास्ता खोलता है और डिजिटल अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र के योगदान को तेज़ी से बढ़ाने में मदद करता है. Probo का कहना है कि अगर नियम और संतुलित हों तो उपभोक्ताओं की बेहतर सुरक्षा होगी, सरकार को टैक्स राजस्व मिलेगा, नई नौकरियां बनेंगी और लोग गैर-नियंत्रित प्लेटफ़ॉर्म की ओर जाने से बचेंगे.

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि, समाज को तकनीक के दुरुपयोग से होने वाले संभावित खतरों से भी बचाया जाए. इसी सोच के साथ सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग (प्रोत्साहन एवं विनियमन) विधेयक, 2025 ( Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025) सरकार लाई है. यह विधेयक ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा देता है, जबकि खतरनाक ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं, विज्ञापनों और उनसे जुड़े वित्तीय लेनदेन पर रोक लगाता है. इसमें सभी तरह की ऑनलाइन बेटिंग और जुआ गतिविधियों (सट्टा, जुआ, ऑनलाइन फैंटेसी स्पोर्ट्स, पोकर, रम्मी और अन्य कार्ड गेम्स, ऑनलाइन लॉटरी) पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.

युवाओं को भ्रामक RMG ऐप्स से बचाना है मकसद

इसका उद्देश्य युवाओं को उन भ्रामक रियल मनी गेमिंग ऐप्स से बचाना है, जो उन्हें झूठे “पैसा कमाने के वादों” से लत और मजबूरी की ओर धकेलते हैं, जिससे पूरा परिवार आर्थिक संकट में फंस जाता है. सरकार का मानना है कि लत, आर्थिक नुकसान, और आत्महत्या जैसी चरम घटनाओं से बचाव केवल ऐसे गेम्स पर प्रतिबंध से ही संभव है. इसके अलावा, ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म का दुरुपयोग अक्सर वित्तीय धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग और संदिग्ध संदेशों के लिए भी होता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा आता है.

ऑनलाइन मनी गेमिंग को लेकर सख्त सजा का प्रावधान

ऑनलाइन मनी गेमिंग की पेशकश या संचालन करते हुए पाये जाने पर अधिकतम 3 साल की कैद और 1 करोड़ रुपये के जुर्माना का प्रावधान किया गया है. मनी गेम्स का विज्ञापन पर अधिकतम 2 साल कैद और/या ₹50 लाख जुर्माना, वित्तीय लेनदेन में भागीदारी पर अधिकतम 3 साल कैद और/या 1 करोड़ रुपये जुर्माना. बार-बार अपराध करते हुए पाये जाने पर 3 से 5 साल कैद और ₹2 करोड़ तक जुर्माना का प्रावधान है. गंभीर अपराध को गैर-जमानती और संगीन अपराध घोषित किया जाएगा.

Read More
Next Story