Tax Reforms
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PM Modi बोले, ‘ईज ऑफ लिविंग’ पर सरकार का फोकस, सुधारों की रफ्तार होगी और तेज

पीएम मोदी ने भरोसा दिलाया कि आने वाले समय में आर्थिक सुधारों की ये रफ्तार और तेज होगी.


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार ‘ईज ऑफ लिविंग'(Ease Of Living) यानी जीवन को आसान बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. पीएम मोदी ने भरोसा दिलाया कि आने वाले समय में आर्थिक सुधारों की ये रफ्तार और तेज होगी. MyGovIndia के सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ये जानकारी दी है कि सरकार ने ‘ईज ऑफ लिविंग' को ध्यान में रखते हुए कई बड़े फैसले लिए हैं. इसी पोस्ट के जवाब में पीएम मोदी ने लिखा है.

MyGovIndia ने एक्स (X) पर लिखें पोस्ट में बताया कि सुधारों की असली परीक्षा यही है कि वे लोगों की जिंदगी में तनाव को कम करें और साल 2025 इस दिशा में लिए फैसलों के चलते बड़े बदलाव देखने को मिले हैं. सुधारों का फोकस अब जटिलता नहीं, बल्कि नतीजों पर रहा है. टैक्स कानून को सरल बनाया गया है, विवादों के जल्द निपटाने पर जोर दिया गया है. लेबर कानून को आज के समय के मुताबिक तैयार किया गया है और गैर-जरूरी अपराधीकरण खत्म होने से आम लोगों और कारोबारियों की परेशानियां कम हुई है. लंबे समय की ग्रोथ पर जोर दिया गया है जिससे नीतियों का असर आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में दिखाई पड़े. सरकार ने इस साल जो बड़े नीतिगत फैसले लिए MyGovIndia ने सिलसिलेवार तरीके से उसका जिक्र किया है.

टैक्स छूट में राहत

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पेश बजट में 12 लाख रुपये तक के इनकम को टैक्स मुक्त कर दिया गया. इसका बड़ा फायदा सैलरीड क्लास वाले मिडिल क्लास को हुआ है. उनकी बचत बढ़ी है जिससे वे पहले के मुकाबले ज्यादा खर्च कर रहे हैं तो उस बचत का इस्तेमाल बचत और निवेश के लिए कर रहे हैं.

नया टैक्स कानून

मोदी सरकार मौजूदा वर्ष में नया इनकम टैक्स कानून भी लेकर आई है. 1961 के इनकम टैक्स कानून की जगह इनकम टैक्स एक्ट 2025 लाया गया है. इससे टैक्स सिस्टम को ज्यादा स्पष्ट, पारदर्शी और टैक्सपेयर्स फ्रेंडली बनाने में मदद मिली है.

GST में हुआ बड़ा बदलाव

सितंबर 2025 में सरकार जीएसटी रेट्स को तर्कसंगत बनाने और जीएसटी के बोझ से राहत देने के लिए बड़े फैसले लिए. 4 जीएसटी रेट की जगह केवल 2 जीएसटी रेट कर दिए गए. 12 और 28 फीसदी जीएसटी स्लैब को खत्म कर दिया गया. साथ ही कई गुड्स पर रेट्स घटा दी गई. GST रजिस्ट्रेशन आसान किया गया, तेज रिफंड जैसे सुधार किए गए हैं. इसका असर त्योहारों के दौरान देखने को मिला जब दीपावली पर 6.05 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिक्री हुई और एक दशक की सबसे मजबूत नवरात्रि शॉपिंग दर्ज की गई.

मजदूरों के लिए आसान कानून

केंद्र सरकार ने 29 श्रम कानूनों को मिलाकर अब 4 लेबर कोड्स को लागू कर दिया है. इससे मजदूरों के अधिकार साफ हुए हैं, नियमों का पालन आसान हुआ है. महिलाओं को वर्कप्लेस सिक्योरिटी का भरोसा मिला है. इसके अलावा MSME के लिए निवेश और टर्नओवर की सीमा बढ़ाई गई है. अब छोटे कारोबारी बिना डर के अपना बिजनेस बढ़ा सकते हैं और लोन और टैक्स छूट जैसे फायदे जारी रख सकते हैं. छोटी कंपनियों की परिभाषा का दायरा बढ़ाकर ₹100 करोड़ टर्नओवर तक कर दिया गया है. ससे अनुपालन का बोझ कम हुआ है और कंपनियां इनोवेशन से लेकर विस्तार पर फोकस कर रही हैं. क्वालिटी कंट्रोल नियमों को सरल करने से मैन्युफैक्चरर्स की लागत घटी है. जिससे भारतीय प्रोडक्ट्स की डिमांड दुनियाभर में बढ़ी है.

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