गोल्ड लोन में नहीं नियमों का पालन! फेस्टिव सीजन के बीच येलो फीवर की आहट, RBI ने दी चेतावनी
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गोल्ड लोन में नहीं नियमों का पालन! फेस्टिव सीजन के बीच 'येलो फीवर' की आहट, RBI ने दी चेतावनी

RBI के आंकड़ों के अनुसार, गोल्ड लोन में अगस्त में 41% की काफी तेजी देखी गई. जबकि, एक साल पहले इसी अवधि में यह 20.4% पर थी.


gold loan norms violating: फेस्टिव सीजन कहें या फिर सोने पर भरोसा, सोने के भावों में अब लगातार तेजी देखी जा रही है. लोग तेजी से सोने में निवेश कर रहे हैं. जिससे पिछले कुछ दिनों से सोने की कीमत फिर से आसमान छूने लगी हैं. इसकी वजह से गोल्ड लोन में भी तेजी देखी जा रही है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, गोल्ड लोन में अगस्त में 41% की काफी तेजी देखी गई. जबकि, एक साल पहले इसी अवधि में यह 20.4% पर थी.

ऐसे में आरबीआई ने चेतावनी दी कि अगर तीन महीने में सुधारात्मक उपाय नहीं किए गए तो वह गोल्ड लोन मानदंडों का उल्लंघन करने वाली संस्थाओं पर कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने बैंकों को गोल्ड लोन पोर्टफोलियो की बारीकी से निगरानी करने का भी निर्देश दिया.

RBI ने लोन प्रोवाइड करने वालों से समय में उचित उपाय शुरू करने, आउटसोर्स की गई गतिविधियों और थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर पर पर्याप्त नियंत्रण करने के लिए कहा है. सोमवार को प्रकाशित बैंक लोन के आंकड़ों से पता चला कि अगस्त के अंत तक बैंकिंग क्षेत्र का गोल्ड जुलरी के बदले लोन पोर्टफोलियो ₹1.4 लाख करोड़ था. केंद्रीय बैंक ने कहा कि उसकी ऑनसाइट जांच में पाया गया कि विनियमित संस्थाएं गोल्ड जुलरी को गिरवी रखकर लोन देते समय कई अनियमित व्यवहार करती हैं.

पारदर्शिता की कमी

यूबीएस की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल सोने की कीमतों में लगभग 29% की तेजी देखी गई, जिस वजह से गोल्ड लोन की मांग बढ़ी है. नियामक ने कहा कि महत्वपूर्ण कमियों में लोन की सोर्सिंग और मूल्यांकन के लिए थर्ड पार्टी का उपयोग करने में कमियां, ग्राहक की उपस्थिति के बिना सोने का मूल्यांकन, अपर्याप्त परिश्रम और गोल्ड लोन के अंतिम उपयोग की निगरानी की कमी शामिल है.

इसके अलावा, RBI ने कहा कि ग्राहक द्वारा डिफ़ॉल्ट पर सोने के आभूषणों की नीलामी में पारदर्शिता की कमी है. लोन के मूल्य (LTV) की निगरानी में कमियां हैं. RBI ने ऋणदाताओं से गोल्ड लोन पर अपनी नीतियों, प्रक्रियाओं और प्रथाओं की व्यापक समीक्षा करने को कहा है. बैंकिंग नियामक ने ऋणदाताओं से तीन महीने (30 सितंबर से) में अपने सुधारात्मक कार्रवाई के बारे में RBI के वरिष्ठ पर्यवेक्षी प्रबंधक को सूचित करने को कहा है. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इस संबंध में नियामक दिशानिर्देशों का गैर-अनुपालन गंभीरता से लिया जाएगा और अन्य बातों के अलावा, RBI द्वारा पर्यवेक्षी कार्रवाई को आकर्षित करेगा.

लोन डेटा से पता चला है कि अगस्त में गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में 41% की वृद्धि हुई, जो अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए लोन के बाद दूसरी सबसे अधिक वृद्धि श्रेणी है, जो महीने के दौरान 45% तक बढ़ गई. आरबीआई ने इस बात पर भी चिंता जताई कि कई लोन खाते मंजूरी के कुछ ही समय के भीतर बंद कर दिए गए, जिससे इस तरह की कार्रवाई के आर्थिक औचित्य पर शक पैदा हुआ है. नियामक ने एक वित्तीय वर्ष के दौरान एक ही व्यक्ति को एक ही पैन के साथ असामान्य रूप से बड़ी संख्या में गोल्ड लोन दिए जाने का भी पता लगाय है.

आरबीआई ने कहा कि जब लोन फिनटेक संस्थाओं या व्यवसायों के साथ साझेदारी में दिया गया था, तब उधारकर्ता की उपस्थिति में सोने का मूल्यांकन नहीं किया गया था. इसके अलावा, लोन के लिए केवाईसी अनुपालन फिनटेक के माध्यम से किया गया था. लोन के वितरण और पुनर्भुगतान के लिए उनके आंतरिक खातों का उपयोग किया गया था. आरबीआई ने मार्च में आईआईएफएल फाइनेंस को लोन देने की प्रक्रियाओं में खामियों के कारण नए गोल्ड लोन देने से प्रतिबंधित कर दिया था.

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