Budget 2025: रियल एस्टेट सेक्टर की मांग, GST हो आसान; होमबायर्स के लिए बढ़ाए जाएं टैक्स बेनिफिट
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Budget 2025: रियल एस्टेट सेक्टर की मांग, GST हो आसान; होमबायर्स के लिए बढ़ाए जाएं टैक्स बेनिफिट

Real estate sector: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करने जा रही है. ऐसे रियल एस्टेट सेक्टर ने सरकार से कई मांगें रखी हैं.


Budget 2025 expectations: साल 2025 का बजट पेश होने में महज कुछ घंटे बाकी हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करने जा रही है. ऐसे रियल एस्टेट सेक्टर ने सरकार से कई मांगें रखी हैं. जिनमें सस्ते आवास की मौद्रिक सीमा को बढ़ाना, टैक्स प्रोत्साहन को दोबारा लागू करना और जीएसटी (GST) इनपुट क्रेडिट को तर्कसंगत बनाना शामिल है.

मौद्रिक सीमा बढ़ाने की मांग

वर्तमान में ₹45 लाख की सीमा को ₹75 लाख से ₹1 करोड़ तक बढ़ाने की मांग की जा रही है. निर्माण लागत और मुद्रास्फीति (inflation) में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए यह सीमा बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही है.

टैक्स छूट

रियल एस्टेट डेवलपर्स चाहते हैं कि सस्ते आवास परियोजनाओं के लिए टैक्स छूट (tax deduction) को दोबारा लागू किया जाए. इन टैक्स प्रोत्साहनों को बहाल करने से डेवलपर्स को इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है. जो सरकार की 'सबके लिए आवास' (Housing for All) योजना के लिए आवश्यक है.

जीएसटी इनपुट क्रेडिट

जीएसटी (GST) नियमों को सरल बनाना भी एक महत्वपूर्ण मांग है. सर्वेक्षण में कहा गया कि डेवलपर्स के लिए GST इनपुट क्रेडिट को तर्कसंगत बनाने से परियोजना की लागत कम होगी. कार्यशील पूंजी में सुधार होगा और आखिरकार खरीदारों के लिए संपत्ति की कीमतें कम हो सकती हैं.

होम लोन

घर खरीदने की लागत को कम करने के लिए होम लोन पर टैक्स कटौती सीमा ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख करने की मांग की गई है. यह वृद्धि विशेष रूप से मध्यम आय वर्ग (middle-income groups) के लिए घर खरीदना अधिक सुलभ बनाएगी. इसके अलावा होम लोन मूलधन पर कटौती (principal deduction) को धारा 80C की सीमित विंडो से बाहर रखा जाना चाहिए, ताकि इसे अधिक आकर्षक बनाया जा सके.

रियल एस्टेट क्षेत्र को 'उद्योग' का दर्जा देने की मांग

पिछले दो बजट सत्रों से रियल एस्टेट सेक्टर ‘इंडस्ट्री’ का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहा है और इस साल भी यह उनकी प्राथमिकता है. अगर बजट 2025 में हाउसिंग सेक्टर को उद्योग का दर्जा दिया जाता है तो इससे सस्ते और प्रभावी वित्तपोषण तक पहुंच में सुधार होगा. अधिक निवेश आकर्षित होगा, विशेष रूप से सस्ते आवास परियोजनाओं के लिए. निर्माण गतिविधियों को गति मिलेगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.

गंगा रियल्टी के जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर विकास गर्ग ने कहा कि आगामी बजट से हमें उम्मीद है कि यह रियल एस्टेट सेक्टर, खासकर लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट और इससे जुड़े उद्योगों को मजबूती देगा. जीएसटी को सरल बनाना, होमबायर्स के लिए टैक्स लाभ बढ़ाना और किफायती व मिड-सेगमेंट हाउसिंग को प्रोत्साहन देना सभी श्रेणियों में मांग को बढ़ा सकता है. लग्जरी हाउसिंग मार्केट जो बदलती खरीदारों की प्राथमिकताओं से प्रेरित है, को स्टाम्प ड्यूटी कम करने और फाइनेंसिंग आसान बनाने जैसी पहल से लाभ होगा. इसके अलावा निर्माण सामग्री, इंटीरियर और टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन जैसे सहयोगी क्षेत्रों को समर्थन देना पूरे अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर डालेगा. हमें उम्मीद है कि बजट इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर सेक्टर की ग्रोथ को गति देगा.

त्रेहान ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर सारांश त्रेहान ने कहा कि हमें उम्मीद है कि आगामी बजट रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूत करने के लिए प्रगतिशील कदम उठाएगा. जो आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है. निर्माणाधीन प्रॉपर्टीज पर जीएसटी घटाने, होमबायर्स के लिए टैक्स लाभ बढ़ाने और किफायती आवास योजनाओं के लिए फंड बढ़ाने जैसे उपाय मांग और निवेश को प्रोत्साहित करेंगे. इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, अनुमोदन प्रक्रियाओं को सरल बनाने और ग्रीन कंस्ट्रक्शन को समर्थन देने पर विशेष ध्यान देने से डेवलपर्स और खरीदारों दोनों को फायदा होगा. इसके अलावा, रेंटल हाउसिंग को बढ़ावा देने और निर्माण सामग्री व इंटीरियर डिजाइन जैसे सहयोगी क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने की पहल से समग्र विकास सुनिश्चित होगा. एक संतुलित और विकासोन्मुख बजट सेक्टर की वास्तविक क्षमता को अनलॉक कर सकता है.

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