भारत में  FDI करने वाला सबसे बड़ा देश है अमेरिका, इसके बाद आता है इनका नंबर
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भारत में FDI करने वाला सबसे बड़ा देश है अमेरिका, इसके बाद आता है इनका नंबर

भारतीय रिजर्व बैंक की वार्षिक जनगणना के अनुसार, भारत में एफडीआई का सबसे बड़ा स्रोत अमेरिका बना हुआ है.


RBI annual census: भारतीय रिजर्व बैंक की वार्षिक जनगणना के अनुसार, भारत में एफडीआई का सबसे बड़ा स्रोत अमेरिका बना हुआ है, जिसके बाद मॉरीशस, सिंगापुर और ब्रिटेन का स्थान है. नवीनतम जनगणना में प्रतिक्रिया देने वाली 41,653 संस्थाओं में से 37,407 ने मार्च 2024 के लिए अपनी बैलेंस शीट में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) या विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (ओडीआई) की सूचना दी.

साल 2023-24 के लिए भारतीय प्रत्यक्ष निवेश संस्थाओं की विदेशी देनदारियों और परिसंपत्तियों पर जनगणना के अनुसार, इन संस्थाओं में से 29,926 ने पिछली जनगणना दौर में भी रिपोर्ट दी थी और 7,481 ने वर्तमान दौर में नई रिपोर्ट दी है. प्रत्यक्ष निवेश की सूचना देने वाली कम्पनियों में से तीन-चौथाई से अधिक कम्पनियां विदेशी कम्पनियों की सहायक कम्पनियां थीं.

आरबीआई ने कहा कि अंकित मूल्य पर एफडीआई इक्विटी में गैर-वित्तीय कंपनियों का हिस्सा लगभग 90 प्रतिशत था. रिपोर्ट में कहा गया है कि मूल्यांकन लाभ के साथ-साथ ताजा प्रवाह के समर्थन से भारत में कुल एफडीआई 2023-24 के दौरान रुपये के संदर्भ में बाजार मूल्य पर 23.3 प्रतिशत बढ़ गया. दूसरी ओर, ओडीआई वृद्धि 3.4 प्रतिशत पर बहुत कम थी. वर्ष के दौरान गैर-सूचीबद्ध संस्थाओं में बाजार मूल्य के आधार पर एफडीआई में 17.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. सूचीबद्ध क्षेत्र में यह वृद्धि 29.8 प्रतिशत से भी अधिक रही.

आरबीआई की जनगणना से पता चला है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (ओडीआई) की वृद्धि की तुलना में एफडीआई वृद्धि तेज होने के कारण बाजार मूल्य पर बाह्य-आवक डीआई स्टॉक का अनुपात मार्च 2024 में 16.1 प्रतिशत तक गिर गया, जो एक वर्ष पहले 19.3 प्रतिशत था. इसके अलावा भारत में विदेशी सहायक कंपनियों ने मजबूत बाह्य व्यापार संबंध बनाए रखे. क्योंकि निर्यात और आयात उनकी बिक्री और खरीद का क्रमशः 35.4 प्रतिशत और 31.5 प्रतिशत था. वर्ष 2023-24 के दौरान भारत में विदेशी सहायक कंपनियों की कुल बिक्री और खरीद में रुपये के लिहाज से क्रमश: 13.2 प्रतिशत और 10.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

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