
खुदरा महंगाई दर जनवरी 2019 के बाद सबसे कम, जून में 2.10 फीसदी रहा रिटेल इंफ्लेशन
खाद्य वस्तुओ की कीमतों में तेज गिरावट और बेस इंफेक्ट के चलते जून महीने में खुदरा महंगाई दर में तेज गिरावट देखने को मिली है. हालांकि खाने के तेल की बढ़ी कीमत चिंता का सबब बन सकता है.
Retail Inflation Data: खुदरा महंगाई दर जनवरी 2019 के बाद सबसे कम साढ़े छह साल के निचले लेवल पर आ गया है. जून में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (Consumer Price Index) 2.10 फीसदी रहा है जो मई में 2.82 फीसदी रहा था. यानी एक महीने में रिटेल इंफ्लेशन में 72 बेसिस प्वाइंट की कमी आई है. रिटेल के साथ होलसेल महंगाई दर भी घटकर -0.13 फीसदी पर आ गई है जो मई में 0.39 फीसदी थी.
खाद्य महंगाई दर नेगेटिव जोन में
सांख्यिकी मंत्रालय ने जो डेटा जारी किया है उसके मुताबिक जून 2025 में खाद्य महंगाई दर में भी भारी कमी आई है और ये नेगेटिव में आ गया है. खाद्य महंगाई दर घटकर - 1.06 फीसदी पर आ गया है जो कि मई 0.99 फीसदी रहा था. यानी एक महीने में खाद्य महंगाई दर में 205 बेसिस प्वाइंट की कमी आई है. मंत्रालय ने बताया कि खुदरा महंगाई और खाद्य महंगाई दर में आई इस गिरावट का कारण बेस इंफेक्ट के साथ सब्जियों, दालों उससे जुड़े प्रोडक्ट्स के अलावा मीट, मछली, अनाज और उसके प्रोडक्ट्स, चीनी, दूध और उससे बनने वाली चीजों के दामों में कमी प्रमुख वजह है.
सरसों तेल और फलों की महंगाई अभी भी है ज्यादा
खुदरा महंगाई दर में भले ही कमी आई है लेकिन हाल के दिनों में सरसों के तेल के दामों में उछाल का असर दिख रहा है. ऑयल एंड फैट्स का महंगाई 17.75 फीसदी रहा है. फलों की महंगाई दर 12.59 फीसदी रही है. हालांकि सब्जियों के दामों में कमीख के चलते वेजिटेबल इंफ्लेशन रेट घटकर - 19 फीसदी रहा है. दालों का महंगाई दर -11.76 फीसदी रहा है.
हाउसिंग, शिक्षा और स्वास्थ्य के महंगाई दर में बढ़ोतरी
सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, हाउसिंग, शिक्षा और स्वास्थ्य के महंगाई दर में बढ़ोतरी आई है. हाउसिंग इंफ्लेशन जून में 3.24 फीसदी रहा है जो मई में 3.16 फीसदी रहा था. ये केवल शहरी इलाकों पर लागू होता है. शिक्षा का महंगाई दर जून में 4.37 फीसदी रहा जो मई में 4.12 फीसदी था. स्वास्थ्य महंगाई दर जून में 4.43 फीसदी रहा है जो मई में 4.34 फीसदी रहा था.