सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच का दर्द! किसी कार्यक्रम में भाग लेने पर भी लग जाते हैं आरोप
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सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच का दर्द! किसी कार्यक्रम में भाग लेने पर भी लग जाते हैं आरोप

सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा कि अगर वह भारतीय उद्योग परिसंघ के कार्यक्रम में आरईआईटी पर चर्चा में भाग लेती हैं तो उनके खिलाफ आरोप लग सकते हैं.


Sebi Chairperson Madhabi Puri Buch: पूंजी बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा कि अगर वह भारतीय उद्योग परिसंघ के कार्यक्रम में रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी) पर चर्चा में भाग लेती हैं तो उनके खिलाफ आरोप लग सकते हैं. आज, अगर मैं आरईआईटी के बारे में कुछ भी बोलती हूं तो मुझ पर हितों के टकराव का आरोप लगाया जाता है.

बता दें कि सेबी प्रमुख को जांच का सामना करना पड़ा, जब अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया कि माधबी पुरी बुच का ब्लैकस्टोन के साथ हितों का टकराव था. क्योंकि उनके पति धवल बुच को वैश्विक परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था, जो रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी) में एक प्रमुख निवेशक है.

हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि सेबी अध्यक्ष ने आरईआईटी की प्रशंसा करते हुए इसे भविष्य के लिए अपने पसंदीदा उत्पाद बताया और निवेशकों से इस परिसंपत्ति वर्ग को सकारात्मक रूप से देखने का आग्रह किया. इसमें आगे कहा गया कि उन बयानों को देते समय, उन्होंने यह उल्लेख करना छोड़ दिया कि ब्लैकस्टोन, जिसे उनके पति सलाह देते हैं, को इस परिसंपत्ति वर्ग से काफी लाभ होगा.

वहीं, सेबी ने हिंडनबर्ग के आरोपों का खंडन किया और कहा कि उसने भारतीय प्रतिभूति बाजार को आगे बढ़ाने के लिए REITs, SM REITs, InvITs, म्यूनिसिपल बॉन्ड आदि की भूमिका को लगातार उजागर किया है. माधबी पुरी बुच और उनके पति ने आरोपों से इनकार किया और दंपति ने एक संयुक्त बयान में कहा कि 10 अगस्त 2024 को हिंडनबर्ग रिपोर्ट में हमारे खिलाफ लगाए गए आरोपों के संदर्भ में, हम यह बताना चाहेंगे कि हम रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों और आक्षेपों का दृढ़ता से खंडन करते हैं. इसमें कोई सच्चाई नहीं है।.

उन्होंने आगे कहा कि हमारा जीवन और वित्त एक खुली किताब है. सभी आवश्यक खुलासे पहले ही सेबी को वर्षों से प्रस्तुत किए जा चुके हैं. हमें किसी भी और सभी वित्तीय दस्तावेजों का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है, जिसमें वे भी शामिल हैं, जो उस अवधि से संबंधित हैं, जब हम पूरी तरह से निजी नागरिक थे.

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