
सेबी की बड़ी कार्रवाई: Jane Street पर बैन, अब विदेशी ट्रेडिंग फर्मों की जांच शुरू
SEBI की जांच में सामने आया कि Jane Street ने 2023 की शुरुआत से 2025 की पहली तिमाही तक के दौरान भारत के प्रमुख बैंकिंग इंडेक्स Bank Nifty में बड़े पैमाने पर गैरकानूनी और जटिल ट्रेडिंग रणनीतियों का उपयोग किया.
Jane Street India: एक अमेरिकी फर्म ने कुछ ही महीनों में हजारों करोड़ का मुनाफा कमाया. ऐसे में सेबी की नजर अब उन विदेशी कंपनियों पर है, जो हर सेकंड हजारों ऑर्डर डालकर हमारे बाजार में ‘सुपरफास्ट’ ट्रेडिंग करती हैं. जेन स्ट्रीट नामक अमेरिका स्थित ट्रेडिंग फर्म के खिलाफ भ्रामक ट्रेडिंग रणनीतियों (Manipulative Trading Strategies) के आरोप में कार्रवाई के बाद अब भारतीय बाजार नियामक अन्य विदेशी हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (HFT) कंपनियों पर फोकस कर रही है. सेबी इन कंपनियों के ट्रेडिंग पैटर्न की गहराई से जांच कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने भी कहीं जेन स्ट्रीट जैसी संदिग्ध रणनीतियां तो नहीं अपनाईं.
जांच के दायरे में विदेशी एल्गो ट्रेडर्स
सेबी अब देश के स्टॉक बाज़ारों में सक्रिय अन्य बड़ी विदेशी क्वांट और HFT फर्मों की ट्रेडिंग गतिविधियों का विश्लेषण कर रहा है. इसके लिए NSE और BSE को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन कंपनियों के ट्रेड डेटा की गहराई से जांच करें. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सेबी यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या अन्य बड़ी HFT फर्मों ने भी जेन स्ट्रीट जैसी गतिविधियां की हैं. हालांकि, यह कहना कठिन है कि कब और क्या कार्रवाई होगी.
जेन स्ट्रीट को SEBI ने क्यों बैन किया?
3 जुलाई को SEBI ने Jane Street Group को बाजार में ट्रेडिंग से प्रतिबंधित कर दिया था. आरोप था कि कंपनी ने इंडेक्स डेरिवेटिव्स की एक्सपायरी के समय बाजार में ऐसे ट्रेडिंग पैटर्न अपनाए, जो बाजार की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं. सेबी की जांच के अनुसार, Jane Street ने दो अनधिकृत रणनीतियों का उपयोग किया. पहला इंट्राडे इंडेक्स मैनिपुलेशन और दूसरा एक्सटेंडेड मार्किंग द क्लोज.
SEBI ने कहा कि JS Group ने इस दौरान करीब ₹36,502.12 करोड़ का मुनाफा कमाया, जिसमें से ₹4,843.57 करोड़ को अवैध लाभ मानते हुए जब्त करने का आदेश दिया गया.
जांच के दायरे में ये कंपनियां
भारत में काम कर रही कुछ बड़ी HFT और एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग फर्मों में शामिल हैं:-
⦁ Millennium Management
⦁ Citadel Securities (US-based)
⦁ Alphagrep Securities
⦁ Tower Research Capital
इन कंपनियों की गतिविधियां अब सेबी के रडार पर हैं.
बाजार की लिक्विडिटी पर असर का डर
SEBI के इस रुख को लेकर बाजार में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि नियामक को संतुलित रवैया अपनाना होगा. एक ट्रेडर ने कहा कि अगर बहुत सख्त कदम उठाए गए तो विदेशी ट्रेडिंग फर्में बाजार से दूरी बना सकती हैं, जिससे लिक्विडिटी और वॉल्यूम पर असर पड़ेगा.
वॉल्यूम गिरावट की आशंका
Jane Street को प्रतिबंधित किए जाने का तुरंत असर फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F-&O) ट्रेडिंग वॉल्यूम पर पड़ सकता है. क्योंकि हर बड़ी घटना का तुरंत असर पड़ता है, इसलिए वॉल्यूम में गिरावट तय है. हालांकि, धीरे-धीरे कोई और खिलाड़ी उस जगह को भर सकता है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि गिरा हुआ वॉल्यूम पूरी तरह से वापस आएगा या नहीं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसका असर धीरे-धीरे कम हो जाएगा.
Jane Street कारोबार रणनीति
SEBI की जांच में सामने आया कि Jane Street ने 2023 की शुरुआत से 2025 की पहली तिमाही तक के दौरान भारत के प्रमुख बैंकिंग इंडेक्स Bank Nifty में बड़े पैमाने पर गैरकानूनी और जटिल ट्रेडिंग रणनीतियों का उपयोग किया. इसके पीछे कंपनी की फाइनेंशियल और टेक्नोलॉजिकल ताकत का भरपूर उपयोग किया गया. SEBI ने इसे बाजार की निष्पक्षता पर सीधा हमला माना है.