अब कोई जरूरी नहीं कि SIP सोना उगले, आसान तरीके से समझें वजह
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अब कोई जरूरी नहीं कि SIP सोना उगले, आसान तरीके से समझें वजह

किसी से पूछो कि निवेश का बेहतर विकल्प क्या है जवाब में एसआईपी। लेकिन क्या आप वास्तव में इसके जरिए बड़ा फंड हासिल कर सकते हैं जवाब ना में भी हो सकता है।


SIP Investment: हर एक निवेशक की ख्वाहिश बेहतर से बेहतर रिटर्न पाने की होती है। इसमें गलत भी क्या है। बाजार में निवेश के कई विकल्पों में से एक एसआईपी है। एसआईपी के बारे में सामान्य सी धारणा यह है कि लंबी अवधि के लिए आप जब निवेश करते तो बेहतर रिटर्न की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन अब आपको बेहतर नतीजे मिलें यह जरूरी भी नहीं है। इसके लिए आप की किस्मत इस मायने में अच्छी होनी चाहिए कि बाजार आपके निवेश के प्रति सकारात्मक व्यवहार करे। उदाहरण के लिए ऐसा कहा जाता है कि यदि आप 10 हजार रुपए का निवेश 20 साल के लिए करते हैं तो आप एक करोड़ रुपए बना सकते हैं। यदि यही निवेश 35 साल के लिए हो तो रकम सात करोड़ के करीब हो सकती है इसकी गणना सीएजीआर 12 फीसद मानकर की गई है।

21 लाख रुपए के निवेश पर सात करोड़ की कमाई आपको लालच दे सकती है। लेकिन इसी रकम पर इतना रिटर्न अगर ना आए तो आखिर कमी कहां हो सकती है। सीधी सी बात यह है कि सीएजीआर कोई जरूरी नहीं है 12 फीसद के स्तर पर उतनी अवधि के लिए बनी रहे। चूंकि निवेशक की रकम म्यूचूअल फंड रेजर कहीं और निवेश करते हैं ऐसे में सीएजीआर कई कारकों पर निर्भर करता है। मसलन जिस इंटिटी में निवेश किया जा रहा वो उस अवधि में कैसा प्रदर्शन कर रहा है। मान लीजिए कि सीएजीआर 12 फीसद से कम रहा वैसी सूरत में आपके निवेश की रकम आपके सपनों को पूरा नहीं कर सकहर साल सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले इंडेक्स में स्विच करने से रिटर्न कम हो सकता है. एक सर्वे के मुताबिक, जिन लोगों ने इंडेक्स में बदलाव किया, उनका रिटर्न बढ़ने की जगह कम ही हुआ.

हर साल सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले इंडेक्स में स्विच करने से रिटर्न कम हो सकता है। एक सर्वे के मुताबिक, जिन लोगों ने इंडेक्स में बदलाव किया, उनका रिटर्न बढ़ने की जगह कम ही हुआ.
इक्विटी बाजार के उतार-चढ़ाव के कारण निवेशक कभी एसआईपी शुरू करते हैं और कभी बंद कर देते हैं। लेकिन इसकी वजह से लंबे समय में नुकसान हो सकता है।
कंपाउंडिंग का फायदा बिगड़ने पर भी रिटर्न कम हो सकता है। जैसे अगर पहले साल में 15 फीसदी रिटर्न मिला है, लेकिन दूसरे और तीसरे साल में 12 फीसदऔर 8 फीसद निगेटिव रिटर्न आ गया तो ओवरऑल रिटर्न आपको कम मिलेगा।
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