इस हफ्ते Sensex चढ़ा 3200 अंक Nifty 23 हजार के पार, तेजी के पीछे ये 4 वजह
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इस हफ्ते Sensex चढ़ा 3200 अंक Nifty 23 हजार के पार, तेजी के पीछे ये 4 वजह

हर निवेशक का सपना बेहतर रिटर्न पाने का होता है। अगर इस कारोबारी हफ्ते की बात करें तो बाजार ने निवेशकों को खुश कर दिया है। सवाल यह है कि इस तेजी के पीछे वजह क्या है।


Sensex Nifty News: ऐसा लग रहा है कि निवेशकों को मुस्कराने का मौका मिल चुका है। इस हफ्ते से पहले तक सिर्फ एक ही जानकारी कि सेंसेक्स और निफ्टी ने गोता लगाया। लेकिन इस कारोबारी हफ्ते में सेंसेक्स 3200 अंकों की बढ़त का गवाह बन चुका है, इसके साथ ही निफ्टी भी रजिस्टेंस को पार कर 23 हजार के पार पहुंच चुका है।जिस तरह से इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजारों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली, विश्लेषकों का मानना है कि सबसे बुरा दौर अब खत्म हो गया है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की भारतीय बाजारों में वापसी, आकर्षक मूल्यांकन, और आर्थिक सुधार के संकेतों ने इस उछाल को गति दी।

सप्ताहभर में बाजार का प्रदर्शन

निफ्टी 50 4.42% (988 अंक) की बढ़त के साथ 23,385 के स्तर पर पहुंच गया।

सेंसेक्स 4.3% (3,202 अंक) बढ़कर 77,000 के स्तर को फिर से पार कर गया।

यह फरवरी 2021 के बाद से सबसे बड़ी साप्ताहिक तेजी है (ब्लूमबर्ग डेटा के अनुसार)।

मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी क्रमशः 6.9% और 7.3% बढ़े।

शुक्रवार को बाजार का प्रदर्शन:

निफ्टी 0.75% और सेंसेक्स 0.89% चढ़ा (1:15 PM तक)।

BSE डेटा: 2,778 शेयर बढ़त में, 1,133 शेयर गिरावट में, और 162 अपरिवर्तित।

बाजार में तेजी के प्रमुख कारण

विदेशी निवेशकों (FIIs) की वापसी

वैश्विक निवेशकों ने इस हफ्ते भारतीय शेयरों में जबरदस्त खरीदारी की।

मंगलवार: ₹1,462 करोड़ की खरीदारी।

गुरुवार: ₹3,239 करोड़ की खरीदारी।

2025 में अब तक ₹1.4 लाख करोड़ की बिकवाली कर चुके FIIs अब बाजार में लौट रहे हैं।

विशेषज्ञों का कहना: "FIIs द्वारा कैश मार्केट में खरीदारी और फ्यूचर मार्केट में शॉर्ट पोजीशन घटाना प्रमुख कारण हैं।"

वैल्यूएशन में गिरावट से निवेशकों को खरीदारी का मौका

बाजार गिरावट के कारण शेयरों के मूल्यांकन में गिरावट आई थी।

निफ्टी 50 का P/E अनुपात 19 गुना (सितंबर 2023 में 23.8 गुना से नीचे)।

निफ्टी ऑटो और निफ्टी FMCG इंडेक्स का P/E अनुपात क्रमशः 20 और 37 गुना (पहले 29 और 47 गुना)।

निफ्टी बैंक का P/B अनुपात 2 गुना (पहले 2.2 गुना)।

निवेशकों ने गिरावट में उच्च गुणवत्ता वाले शेयरों को खरीदा।

आर्थिक सुधार के संकेत

फरवरी में खुदरा महंगाई (CPI) सात महीने के निचले स्तर 3.61% पर।

जनवरी में औद्योगिक उत्पादन (IIP) 8 महीने के उच्चतम स्तर 5.01% (दिसंबर में 3.54%)।

विश्लेषकों का अनुमान: "FY25 की दूसरी छमाही में कंपनियों के मुनाफे में तेजी देखने को मिलेगी।"

वैश्विक बाजारों से समर्थन

अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के ब्याज दरों में कटौती के संकेत से बाजार में जोश।

ट्रेड वॉर के असर से भारत को ज्यादा खतरा नहीं।

विशेषज्ञों का कहना: "भारत की सेवा निर्यात नीति पर अमेरिकी टैरिफ का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।"

घरेलू मांग से जुड़े शेयरों ने ज्यादा बढ़त हासिल की, जिससे भारत वैश्विक व्यापार प्रतिबंधों से बच सकता है।

तकनीकी स्तर: निफ्टी के लिए सपोर्ट और रेसिस्टेंस

समर्थन स्तर: 23,000 और 22,800

प्रतिरोध स्तर: 23,333 और 23,500

अगर निफ्टी 23,000 से ऊपर टिकता है तो यह 23,500 की ओर बढ़ सकता है। भारतीय शेयर बाजारों में FIIs की वापसी, आकर्षक मूल्यांकन, आर्थिक सुधार, और वैश्विक समर्थन से तेजी बनी हुई है। अगर यह रुझान जारी रहा, तो बाजार अगले कुछ हफ्तों में नई ऊंचाई छू सकता है।

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