विदेश जाने के लिए हर किसी को नहीं लेना होगा टैक्स सर्टिफिकेट, केवल इन ही लोगों पर लागू होगा ये नियम
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विदेश जाने के लिए हर किसी को नहीं लेना होगा टैक्स सर्टिफिकेट, केवल इन ही लोगों पर लागू होगा ये नियम

अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए कर निकासी प्रमाण पत्र की आवश्यकता वाले नियम के बाद सरकार ने साफ किया कि यह नियम केवल उन लोगों पर लागू होता है, जिन पर वित्तीय अनियमितताएं हैं.


Tax Clearance Certificate: अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए कर निकासी प्रमाण पत्र (Tax Clearance Certificate) की आवश्यकता वाले बजट प्रस्ताव पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया के बाद सरकार ने रविवार (28 जुलाई) को साफ किया कि यह नियम केवल उन लोगों पर लागू होता है, जिनके पास वित्तीय अनियमितताएं हैं या जिन पर महत्वपूर्ण टैक्स बकाया है.

वित्त मंत्रालय ने वित्त विधेयक 2024 में काला धन अधिनियम, 2015 का संदर्भ उन अधिनियमों की सूची में जोड़ने का प्रस्ताव किया है, जिसके तहत किसी भी व्यक्ति को कर निकासी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए अपनी देनदारियों का भुगतान करना होगा. वहीं, मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रस्तावित संशोधन के तहत सभी निवासियों को टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट प्राप्त करना आवश्यक नहीं है.

हर किसी के लिए जरूरी नहीं

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 230 के अनुसार, हर व्यक्ति को टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट प्राप्त करना आवश्यक नहीं है. केवल कुछ व्यक्तियों के मामले में, जिनके संबंध में ऐसी परिस्थितियां मौजूद हैं, जो टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट प्राप्त करना आवश्यक बनाती हैं, उन्हें ऐसे सर्टिफिकेट की जरूरत होगी. मंत्रालय ने कहा कि आयकर विभाग ने 2004 की अधिसूचना के माध्यम से निर्दिष्ट किया है कि टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट केवल कुछ परिस्थितियों में ही भारत में रहने वाले व्यक्तियों द्वारा प्राप्त करना आवश्यक हो सकता है. इनमें शामिल हैं - जहां व्यक्ति गंभीर वित्तीय अनियमितताओं में लिप्त है और आयकर अधिनियम या संपत्ति कर अधिनियम के तहत मामलों की जांच में उसकी उपस्थिति आवश्यक है और यह संभावना है कि उसके खिलाफ कर की मांग उठाई जाएगी या जहां व्यक्ति के खिलाफ 10 लाख रुपये से अधिक का प्रत्यक्ष कर बकाया है, जिस पर किसी भी प्राधिकरण द्वारा रोक नहीं लगाई गई है.

कैसे प्राप्त करें?

आयकर विभाग ने कहा कि किसी व्यक्ति को टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए तभी कहा जा सकता है, जब वह ऐसा करने के लिए कारण बताए तथा प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त या मुख्य आयकर आयुक्त से अनुमोदन प्राप्त कर ले. इसमें कहा गया है कि ऐसा प्रमाण पत्र आयकर प्राधिकरण द्वारा जारी किया जाना आवश्यक है, जिसमें यह उल्लेख हो कि ऐसे व्यक्ति पर आयकर अधिनियम, या संपत्ति कर अधिनियम, 1957, या उपहार कर अधिनियम, 1958, या व्यय कर अधिनियम, 1987 के अंतर्गत कोई देयता नहीं है.

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