ITR नहीं हुआ प्रोसेस! इनकम टैक्स रिफंड में लग रहा टाइम? जानें लगता है कितना समय
करदाताओं को आयकर रिटर्न दाखिल करने के बाद आयकर विभाग द्वारा इसे प्रोसेस करने का इंतज़ार करना पड़ता है, जिससे कि पता चल सके कि उन्हें ज़्यादा टैक्स देना है या उन्हें रिफंड मिलेगा.
ITR Processing: टैक्स पेयर्स (करदाताओं) को अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने के बाद आयकर विभाग द्वारा इसे प्रोसेस करने का इंतज़ार करना पड़ता है, जिससे कि पता चल सके कि उन्हें ज़्यादा टैक्स देना है या उन्हें आयकर रिफंड मिलेगा. ऐसा इसलिए है. क्योंकि ITR प्रोसेस करने के बाद ही टैक्स डिपार्टमेंट करदाता को सूचित करेगा कि उसे अतिरिक्त आयकर देना है या उसे कर रिफंड (यदि कोई दावा दायर किया गया है) मिलना है या कर गणना बिना किसी रिफंड या अतिरिक्त कर के दावे के स्वीकार कर ली गई है.
ऐसे में अगर आपने जुलाई माह के दौरान ITR दाखिल किया है और आयकर रिफंड का इंतज़ार कर रहे हैं तो यह जानना महत्वपूर्ण है कि आयकर विभाग कानूनी तौर पर कर रिटर्न को प्रोसेस करने में कितना समय ले सकता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि आयकर कानून आयकर विभाग को उस आकलन वर्ष के अंत से 9 महीने के भीतर ITR प्रोसेस करने की अनुमति देता है, जिसके लिए ITR दाखिल किया गया था. इसका मतलब है कि जिस व्यक्ति ने वित्त वर्ष 2023-24 (एवाई 2024-25) के लिए ITR दाखिल किया है, उसके लिए आयकर विभाग के पास इसे प्रोसेस करने के लिए 31 दिसंबर, 2025 तक का समय है. जब ITR प्रोसेस हो जाएगा, तभी आपको आयकर रिफंड (यदि कोई हो) का भुगतान किया जा सकता है.
उनका कहना है कि यह समय सीमा विलंबित ITR पर भी लागू होती है. अगर कोई व्यक्ति वित्त वर्ष 2023-24 (एवाई 2024-25) के लिए 31 जुलाई 2024 की ITR दाखिल करने की नियत तिथि से चूक गया है तो वह 31 दिसंबर 2024 को या उससे पहले विलंबित ITR दाखिल कर सकता है. विलंबित ITR 31 दिसंबर, 2025 को या उससे पहले प्रोसेस किया जाएगा.
आयकर रिफंड पर ब्याज एक करदाता आयकर रिफंड पर ब्याज प्राप्त करने के लिए पात्र है. हालांकि, यह ब्याज तभी दिया जाता है, जब रिफंड राशि वास्तविक कर देयता के 10% से अधिक हो. मान लीजिए कि कोई व्यक्ति टैक्स के रूप में 20,000 रुपये का भुगतान करता है. जब उसकी वास्तविक कर देयता 15,000 रुपये है तो करदाता 5,000 रुपये की आयकर रिफंड का हकदार है. रिफंड राशि ब्याज के साथ वापस दी जाएगी. ऐसा इसलिए है. क्योंकि 5,000 रुपये का आयकर रिफंड 15,000 रुपये की वास्तविक कर देयता के 10% से अधिक है (15,000 रुपये का 10% = 1,500 रुपये).
आयकर नियम आयकर रिफंड पर प्रति माह 0.5% का ब्याज अनिवार्य करते हैं. ब्याज की गणना साधारण ब्याज सूत्र का उपयोग करके की जाती है. आयकर रिफंड पर ब्याज की गणना 1 अप्रैल से टैक्स रिफंड की तारीख तक की जाएगी. बशर्ते कि ITR 31 जुलाई की नियत तारीख को या उससे पहले दाखिल किया गया हो. अगर विलंबित ITR दाखिल किया जाता है तो आयकर रिफंड पर ब्याज विलंबित ITR दाखिल करने की तारीख से लेकर टैक्स रिफंड जारी होने तक देय होता है. इसलिए अगर ITR 1 जुलाई, 2024 को दाखिल किया गया था और 31 अक्टूबर, 2024 को प्रोसेस किया गया था तो टैक्स विभाग आपको अप्रैल 2024 से 31 अक्टूबर, 2024 तक देय आयकर रिफंड पर ब्याज देगा.