ट्रंप का टैरिफ बेअसर, भारत के निर्यात में रिकॉर्ड ग्रोथ दर्ज
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ट्रंप का टैरिफ बेअसर, भारत के निर्यात में रिकॉर्ड ग्रोथ दर्ज

exports to the US: नवंबर में अमेरिका को भारत का निर्यात 22.6% बढ़कर 7 अरब डॉलर आंका गया, जबकि 50% टैरिफ का असर बना हुआ था।


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India exports: भारत के निर्यात में नवंबर में पिछले तीन वर्षों से अधिक की सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई। नवंबर में निर्यात 19.4% बढ़कर 38.1 अरब डॉलर पहुंच गया। अमेरिका और चीन को निर्यात में तेज उछाल इसका मुख्य कारण रहा। इसी दौरान आयात में 2% की गिरावट आई और यह 62.7 अरब डॉलर रहा, जिससे व्यापार घाटा घटकर 24.6 अरब डॉलर रह गया। यह जून के बाद का सबसे निचला स्तर है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नवंबर में अमेरिका को भारत का निर्यात 22.6% बढ़कर 7 अरब डॉलर आंका गया, जबकि 50% अतिरिक्त शुल्क (टैरिफ) का असर बना हुआ था। वहीं, चीन को भेजे गए माल का मूल्य 90% बढ़कर 2.2 अरब डॉलर पहुंच गया। नवंबर में चीन ने नीदरलैंड को पीछे छोड़ते हुए भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य स्थान हासिल कर लिया, हालांकि अप्रैल से नवंबर की अवधि में नीदरलैंड मामूली रूप से आगे रहा।

वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि टैरिफ के बावजूद हम अपने निर्यात को बनाए रखने में सफल रहे हैं और आयात भी 38% बढ़कर 5.3 अरब डॉलर हो गया है, जो भारत-अमेरिका व्यापार के लिए सकारात्मक संकेत है। निर्यात में वृद्धि और आयात में गिरावट का कारण छुट्टियों के बाद आपूर्ति व्यवस्था का सामान्य होना और त्योहारों के बाद मांग में कमी है। अक्टूबर में निर्यात में 12% की गिरावट दर्ज की गई थी, जिसका कारण अमेरिकी टैरिफ बताया गया था। हालांकि नवंबर में मजबूत प्रदर्शन ने इस गिरावट की भरपाई कर दी। आंकड़े जारी होने से पहले वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि नवंबर की निर्यात वृद्धि ने अक्टूबर की गिरावट की पूरी तरह भरपाई कर दी है।

राजेश अग्रवाल ने कहा कि आंकड़े दर्शाते हैं कि कई क्षेत्रों में निर्यातक अपने बाजारों में विविधता लाने की कोशिश कर रहे हैं। नवंबर में निर्यात में आई तेजी का नेतृत्व इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न एवं आभूषण, फार्मा, रसायन, पेट्रोलियम उत्पाद और वस्त्र क्षेत्र के अधिकांश खंडों ने किया। हालांकि 30 प्रमुख क्षेत्रों में से पांच—चावल, तिलहन, प्लास्टिक, जूट उत्पाद और कालीन—में गिरावट दर्ज की गई।

आयात के मोर्चे पर नवंबर में सोने का आयात 59% घटकर 4 अरब डॉलर रह गया, जबकि एक साल पहले यह करीब 10 अरब डॉलर था। कच्चे तेल का आयात 11.3% घटकर 14 अरब डॉलर और खाद्य तेल का आयात 20% घटकर 1.5 अरब डॉलर रहा। वहीं, जिन क्षेत्रों में आयात बढ़ा उनमें इलेक्ट्रॉनिक्स (16% बढ़कर 8.8 अरब डॉलर), चांदी (125% बढ़कर 1.1 अरब डॉलर) और मोती व कीमती तथा अर्ध-कीमती पत्थर (90% बढ़कर 1.8 अरब डॉलर) शामिल हैं।

निर्यात बाजारों में विविधता, प्रमुख क्षेत्रों की मजबूती, नीतिगत समर्थन, बेहतर लॉजिस्टिक्स और प्रतिस्पर्धी निर्यात वित्त उपलब्धता ने निर्यात वृद्धि को सहारा दिया है। आने वाले महीनों में भारत का निर्यात इसी सकारात्मक रुख को बनाए रखने की मजबूत स्थिति में है। नवंबर के दौरान सेवाओं के निर्यात में भी 11.9% की वृद्धि का अनुमान है और यह 35.9 अरब डॉलर रहा, जबकि सेवाओं का आयात 4% बढ़कर 18 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

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