यूनिफाइड पेंशन स्कीम: NPS से बेहतर विकल्प, जानिए किन्हें मिलेगा ज्यादा फायदा
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यूनिफाइड पेंशन स्कीम: NPS से बेहतर विकल्प, जानिए किन्हें मिलेगा ज्यादा फायदा

UPS के तहत कर्मचारियों को सर्विस पीरियड और बेसिक सैलरी के आधार पर पेंशन मिलेगी, जो NPS से ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है.


Unified Pension Scheme Benefits: सरकार द्वारा लागू की जा रही नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) कर्मचारियों के लिए एक बड़े बदलाव का संकेत है. इस स्कीम के तहत पेंशन व्यवस्था में कई नए नियम शामिल किए गए हैं, जिससे पेंशन की राशि और उसके निवेश के तरीके में बड़ा अंतर आएगा. UPS के तहत कर्मचारियों को उनकी सर्विस पीरियड और बेसिक सैलरी के आधार पर पेंशन मिलेगी, जो NPS (नेशनल पेंशन स्कीम) से ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है. आइए इस नई पेंशन योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं.

UPS के तहत पेंशन की गणना कैसे होगी?

UPS के तहत पेंशन की गणना कर्मचारी की सर्विस पीरियड और बेसिक सैलरी के आधार पर की जाएगी। इस योजना के तहत तीन तरीके से पेंशन दी जाएगी:

1. 25 साल या उससे अधिक नौकरी पर पूरी पेंशन

अगर किसी कर्मचारी ने 25 साल या उससे अधिक की नौकरी की है, तो उसे उसकी रिटायरमेंट से पहले की आखिरी 12 महीने की बेसिक सैलरी के औसत का 50% हिस्सा पेंशन के रूप में मिलेगा. उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 50,000 रुपए है, तो रिटायरमेंट के बाद उसे 25,000 रुपए मासिक पेंशन मिलेगी. इसके लिए जरूरी है कि कर्मचारी की सर्विस कम से कम 25 साल पूरी हो. अगर कर्मचारी ने 25 साल से कम, लेकिन 10 साल से अधिक नौकरी की है तो पेंशन उसी अनुपात में कम मिलेगी.

2. मिनिमम 10,000 रुपए पेंशन

अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल से अधिक, लेकिन 25 साल से कम नौकरी की है, तो उसे कम से कम 10,000 रुपए की पेंशन मिलेगी. भले ही उसकी बेसिक सैलरी कम हो. फिर भी न्यूनतम पेंशन की यह राशि उसे मिलनी तय है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, आज के समय में यह पेंशन करीब 15,000 रुपए तक पहुंच सकती है.

3. फैमिली पेंशन

सर्विस पीरियड के दौरान अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को कर्मचारी की संभावित पेंशन का 60% हिस्सा फैमिली पेंशन के रूप में मिलेगा. इसके साथ ही डियरनेस रिलीफ (DR) के रूप में महंगाई भत्ता भी दिया जाएगा.

UPS के तहत पेंशन कैसे जोड़ी जाएगी?

यूनिफाइड पेंशन स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी. इसके तहत पूरी पेंशन (आखिरी 12 महीनों की बेसिक सैलरी के औसत की 50% राशि+DR) उन्हें मिलेगी, जिनकी नौकरी के 25 साल पूरे हो जाएंगे. UPS के तहत उन कर्मचारियों को शामिल किया गया है, जो साल 2004 में NPS लागू होने के बाद से सर्विस में हैं. इस हिसाब से UPS के तहत पूरी 50% पेंशन उन्हीं को मिलेगी, जो कम से कम 2029 तक नौकरी में रहेंगे.

कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए उनके पेंशन कॉर्पस यानी पेंशन कोष को दो हिस्सों में बांटा जाएगा:

1. इंडिविजुअल पेंशन फंड

इसमें कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस (DA) का 10% हिस्सा जमा किया जाएगा. सरकार भी इसमें इतनी ही राशि योगदान करेगी, जिससे फंड मजबूत बनेगा.

2. गारंटी रिजर्व फंड

इस फंड में सरकार कर्मचारी की बेसिक सैलरी और DA का 8.5% हिस्सा जमा करेगी. इसमें कर्मचारी को कोई योगदान नहीं देना होगा. इस तरह, सरकार अपनी तरफ से कुल 18.5% राशि इस फंड में जमा करेगी.

पेंशन फंड का निवेश कैसे होगा?

NPS में निवेश के विकल्प

NPS के तहत कर्मचारी अपने इंडिविजुअल पेंशन फंड को अपनी मर्जी से निवेश कर सकते हैं. कई बैंक और वित्तीय संस्थान, जैसे ICICI, SBI, HDFC और LIC, इस फंड को मैनेज करते हैं. इस निवेश पर औसतन 15% का फायदा मिलता है, हालांकि यह लाभ कम भी हो सकता है.

UPS में निवेश का नियम

UPS के तहत तय की गई पेंशन तभी मिलेगी, जब निवेश डिफॉल्ट मोड में किया जाएगा, जैसा कि पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के नियमों में है. अगर कोई कर्मचारी अपने तरीके से निवेश कर ज्यादा रिटर्न पाता है तो उसे अधिक पेंशन मिलेगी. अगर नुकसान होता है तो सरकार केवल एक निर्धारित स्तर तक ही नुकसान की भरपाई करेगी. UPS के तहत कर्मचारी अपने कुल पेंशन फंड का 60% हिस्सा निकाल सकते हैं. लेकिन इससे पेंशन भी उसी अनुपात में कम हो जाएगी.

UPS और NPS: किसमें मिलेगा ज्यादा फायदा?

यूपीएस में होगा 19% ज्यादा लाभ

UTI पेंशन फंड के अनुसार, जो कर्मचारी 50,000 रुपए की बेसिक सैलरी से नौकरी शुरू करते हैं, उन्हें UPS में NPS के मुकाबले करीब 19% ज्यादा पेंशन का फायदा मिलेगा. इसका कारण यह है कि UPS में सरकार का योगदान 18.5% है. जबकि NPS में यह केवल 14% है.

अलग-अलग नौकरी की अवधि के हिसाब से पेंशन

- अगर कोई कर्मचारी 25 साल की उम्र में नौकरी शुरू करता है और 35 साल की सर्विस पूरी करता है, तो UPS के तहत उसे हर महीने 2.13 लाख रुपए पेंशन मिलेगी. वहीं, NPS के तहत यह राशि 1.79 लाख रुपए ही होगी.

- अगर कोई कर्मचारी 35 साल की उम्र में नौकरी शुरू करता है और 25 साल बाद रिटायर होता है, तो UPS में उसे 84,787 रुपए मासिक पेंशन मिलेगी, जबकि NPS में यह केवल 71,400 रुपए होगी.

- यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) से कर्मचारियों को NPS के मुकाबले ज्यादा लाभ मिलने की उम्मीद है. UPS में सरकार का ज्यादा योगदान और फंड में निवेश की गारंटी इसे कर्मचारियों के लिए एक बेहतर विकल्प बनाती है.

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