Budget 2024: अब किसी भी व्यक्ति के लिए भारत छोड़ना नहीं होगा आसान! जानें से पहले लेना होगा ये सर्टिफिकेट
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Budget 2024: अब किसी भी व्यक्ति के लिए भारत छोड़ना नहीं होगा आसान! जानें से पहले लेना होगा ये सर्टिफिकेट

केंद्रीय बजट 2024 में भारत छोड़ने के लिए ज़रूरी क्लीयरेंस सर्टिफिकेट हासिल करने के नियम को अधिक सख्त कर दिया गया है. यह बदलाव 1 अक्टूबर, 2024 से प्रभावी होगा.


Union Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 23 जुलाई को पेश किए गए केंद्रीय बजट 2024 में भारत छोड़ने के लिए ज़रूरी क्लीयरेंस सर्टिफिकेट हासिल करने के नियम को अधिक सख्त कर दिया गया है. 1 अक्तूबर 2024 से भारत में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को ब्लैक मनी एक्ट के तहत क्लीयरेंस सर्टिफिकेट की ज़रूरत होगी. इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 230 के अनुसार, भारत में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को देश छोड़ने से पहले टैक्स अधिकारियों से सर्टिफिकेट लेना होगा.

यह सर्टिफिकेट इस बात की पुष्टि करता है कि उस व्यक्ति पर कोई बकाया टैक्स नहीं है. यह आवश्यकता आयकर (आई-टी) अधिनियम के तहत करों के साथ-साथ पूर्व संपत्ति कर, उपहार कर और व्यय कर अधिनियमों को भी कवर करती है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, टैक्स विशेषज्ञों का मानना ​​है कि अधिसूचना या आगामी नियम आवश्यकताओं को और स्पष्ट करेंगे. साल 2024 के बजट में विदेशी संपत्ति (अचल संपत्ति के अलावा) की रिपोर्ट न करने पर ब्लैक मनी अधिनियम की धारा 42 और 43 के तहत 10 लाख रुपये के जुर्माने को हटाने का भी प्रस्ताव है, अगर उनका कुल मूल्य 20 लाख रुपये से कम है. यह बदलाव 1 अक्टूबर, 2024 से प्रभावी होगा.

रिपोर्ट के अनुसार, दंडात्मक प्रावधानों से यह छूट इन विदेशी संपत्तियों की गलत जानकारी देने या न देने पर भी लागू होती है. इस प्रावधान का मतलब है कि हर निवासी, जो सामान्य रूप से भारत का निवासी है, को अपना आयकर रिटर्न दाखिल करते समय सभी विदेशी संपत्तियों (शेयर और प्रतिभूतियों जैसे निवेश सहित) और इन संपत्तियों से होने वाली किसी भी आय का खुलासा करना होगा. अगर वे विदेशी आय और संपत्तियों की जानकारी नहीं देते हैं या उनसे संबंधित ITR जमा करने में विफल रहते हैं तो उन्हें संपत्ति के मूल्य की परवाह किए बिना ब्लैक मनी एक्ट की धारा 42 या 43 के तहत 10 लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है. हालांकि, ये धाराएं पिछले वर्ष के दौरान किसी भी समय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं कुल शेष राशि वाले एक या अधिक बैंक खातों पर लागू नहीं होती हैं.

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