
अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट, ट्रंप के टैरिफ फैसले से बढ़ी चिंता
US stock market decline: आज S&P 500 इंडेक्स में 5.8 प्रतिशत की गिरावट आई. डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 1,746 अंक की गिरावट आई और नैस्डैक कंपोजिट भी 5.8 प्रतिशत नीचे गिर गया.
US stock market falls: गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली. जबकि इससे पहले बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अधिकांश देशों के लिए टैरिफ (आयात शुल्क) में राहत दी थी और बाजार में बड़ी बढ़त देखने को मिली थी. लेकिन अगले ही दिन यानी कि गुरुवार को शेयर बाजार ने पिछली दिन की बड़ी बढ़त को खो दिया. वॉल स्ट्रीट पर व्यापार युद्ध (ट्रेड वॉर) की वजह से स्थितियां फिर से खराब हो गईं. हालांकि, ट्रेड वॉर की आशंका कम हुई है, फिर भी यह अभी भी अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की वजह बना हुआ है. इसकी वजह से आज S&P 500 इंडेक्स में 5.8 प्रतिशत की गिरावट आई. डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 1,746 अंक की गिरावट आई और नैस्डैक कंपोजिट भी 5.8 प्रतिशत नीचे गिर गया.
महंगाई रिपोर्ट का असर
महंगाई से जुड़ी रिपोर्ट कुछ हद तक सकारात्मक थी. लेकिन इसने बाजार को ज्यादा राहत नहीं दी. टैरिफ युद्ध की चिंता अब भी बनी हुई है. व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया कि चीन से होने वाले आयात पर 145 प्रतिशत टैरिफ लगेगा, जो पहले 125 प्रतिशत था. इस बदलाव के बाद शेयर बाजार में और गिरावट आई.
बाजार में चिंता की वजह
बाजार में यह चिंता बनी हुई है कि महंगाई पर आई रिपोर्ट पुराने हालात को दर्शाती है. भविष्य में टैरिफ की वजह से स्थिति और खराब हो सकती है.
टैरिफ को रोकने का ऐलान
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 9 अप्रैल को ऐलान किया कि वह 2 अप्रैल को जिन देशों के लिए टैरिफ बढ़ाए थे, उन्हें 90 दिनों के लिए रोक देंगे. हालांकि, यह राहत ज्यादातर देशों को दी गई है. जबकि चीन, हांगकांग और मकाऊ को इसमें शामिल नहीं किया गया है. चीन पर टैरिफ को 125 प्रतिशत से बढ़ाकर 145 प्रतिशत कर दिया गया है. क्योंकि इसमें 20 प्रतिशत टैरिफ फेंटानिल (नशीला पदार्थ) पर भी जोड़ा गया है.
चीन का जवाब
चीन ने अमेरिकी सामानों पर 84 प्रतिशत टैरिफ बढ़ा दिया है. चीन ने यह भी कहा कि वह बातचीत के लिए तैयार है. लेकिन वह अपनी स्थिति से पीछे नहीं हटेगा. इसके साथ ही, चीन ने अमेरिकी फिल्मों और अन्य हॉलीवुड उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इसका अमेरिका पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.