
थोक महंगाई दर एक साल के निचले लेवल पर, अप्रैल में 0.85 फीसदी रही WPI इंफ्लेशन
अप्रैल में महंगाई की यह दर मुख्य रूप से खाद्य उत्पादों, रसायनों, मशीनरी, अन्य विनिर्माण और ट्रांसपोर्ट उपकरणों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण बनी रही.
India Inflation Data: खुदरा महंगाई दर के बाद थोक महंगाई दर में भी गिरावथोक महंगाई दर एक साल के निचले लेवल पर, अप्रैल में 0.85 फीसदी रही WPI इंफ्लेशनट आई है. सरकार ने जो डेटा जारी किया है उसके मुताबिक, अप्रैल 2025 में भारत की थोक महंगाई दर घटकर 0.85% हो गई, जो मार्च में 2.05% थी. पिछले एक साल में होलसेल महंगाई दर का ये सबसे निचला लेवल है.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने थोक महंगाई दर का आंकड़ा जारी किया है. सरकार ने अपने बयान में बताया कि अप्रैल 2025 में महंगाई दर के पॉजिटिव रहने की वजह फूड प्रोडेक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग की कीमतों में उछाल के साथ दूसरे प्रकार की मैन्युफैक्चरिंग, केमिकल्स और केमिकल्स प्रोडेक्ट्स, ट्रांसपोर्ट इक्विपेंट की मैन्युफैक्चरिंग की लागत में बढ़ोतरी के साथ मशीनरी और इक्विपेंट के मैन्युक्चर का महंगा होना है. मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स जिसका इंफ्लेशन बास्केट में 60 फीसदी हिस्सा है उसका महंगाई दर अप्रैल में 2.62 फीसदी रहा है. कच्चे माल की महंगाई दर मार्च में 0.76% की वृद्धि से घटकर अप्रैल में - 1.44% की गिरावट पर आ गई है. ईंधन और बिजली की महंगाई दर मार्च में 0.20% बढ़ी थी, जो अप्रैल में घटकर -2.18% हो गई है.
खाने-पीने की चीजों के होलसेल महंगाई दर के आंकड़े पर नजर डालें तो मार्च में ये 0.20% थी, जो अप्रैल में घटकर -2.18% हो गई है. सब्जियों की महंगाई दर अप्रैल में -18.26% रही है, जो मार्च में -15.88% रही थी. प्याज की महंगाई दर मार्च में 26.65% थी, जो अप्रैल में घटकर 0.20% रह गई है. आलू की महंगाई दर -6.77% रही, जो मार्च में 27.54% थी. दालों की महंगाई दर मार्च में -2.98% से बढ़कर अप्रैल में 5.57% हो गई है. अनाज की महंगाई दर अप्रैल में 3.81% रही है.
13 मई को अप्रैल महीने के खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा घोषित हुआ था. डेटा के मुताबिक खुदरा महंगाई दर घटकर 3.16% पर आ गई है, जो पिछले 69 महीनों में सबसे कम है. मार्च में ये 3.34% थी. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए औसत महंगाई दर 4% रहने का अनुमान लगाया है. भारतीय रिज़र्व बैंक ने अप्रैल में एमपीसी बैठक के बाद कहा था कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी से महंगाई में गिरावट आई है और 2025-26 में इसमें और गिरावट की उम्मीद है.