केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि वो कृषि मंत्री हैं लेकिन जब चुनाव आए तो तीन महीने तक चुनाव प्रचार में व्यस्त रहा। इससे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक, अधिकारी, कर्मचारी सबका समय बर्बाद होता है और सारे विकास कार्य ठप हो जाते हैं। फिर नई घोषणाएं करनी पड़ती हैं। जनहित के काम पीछे छूट जाते हैं, इतना ही नहीं, बहुत बड़ा खर्च होता है, चुनाव आयोग भी खर्च करता है, वो पैसा जनता का होता है और फिर राजनीतिक दल भी खर्च करते हैं। इतना समय बर्बाद होता है। अब अगर दूसरे राज्यों में चुनाव होंगे तो हरियाणा के अधिकारी पर्यवेक्षक बनकर जाएंगे। आपके यहां 2-3 महीने काम ठप हो जाएगा। अगर वो वहां जाकर चुनाव करवाएंगे तो सिर्फ विनाश होगा। ये समय की बर्बादी है, पैसे की बर्बादी है, ये हमारे विकास में बाधा डालता है। ये चुनाव तो होते ही रहेंगे और इसलिए संविधान में संशोधन करके 5 साल में एक बार सभी विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होने चाहिए, इसके लिए हमें जनजागृति पैदा करनी चाहिए..."
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