केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य का दर्जा देते समय, ज़मीनी हालात को ध्यान में रखना होगा।मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा, पहलगाम में जो हुआ, उसे आप नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते।

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार ने चुनावों के बाद राज्य का दर्जा देने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब स्थिति अजीबोगरीब है। उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार से निर्देश लेने के लिए 8 हफ़्ते का समय मांगा।

Read More
Next Story