लाल किले की प्राचीर से आरएसएस को नमन
जहाँ पांडु लिपियाँ है, उनको खोज कर आज की तकनीक को इस्तेमाल करते हुए उन्हें संजोया जाए. देश बनता है कोटि कोटि लोगों के पुरुषार्थ से. हर किसी के प्रयास से. हर किसी का योगदान होता है. आज मैं इस बात का ज़िक्र करना चाहता हूँ. आज से 100 साल पहले आरएसएस का जन्म हुआ. 100 साल की राष्ट्र की सेवा, एक गौरव पूर्ण पल है.
100 साल तक माँ भारती के कल्याण का लक्ष्य लेकर के. आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा NGO है. सभी स्वयं सेवकों को नमन.
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