प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पॉडकास्ट में आलोचना को "लोकतंत्र की आत्मा" बताया, जिसे वह स्वागत करते हैं. लेकिन उन्होंने कहा कि आजकल वास्तविक आलोचना, जो "तीव्र और अच्छी तरह से सूचित" हो, मिलना मुश्किल है. उन्होंने यह भी कहा कि आलोचना और आरोपों में अंतर होता है.

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