जेपी नड्डा ने राज्यसभा में कहा कि जब हम संस्कृति की बात करते हैं, तो कई लोगों को लगता है कि हम प्रगतिशील नहीं हैं। मैं उनका ध्यान इस ओर दिलाना चाहता हूँ कि संविधान की मूल प्रति पर अजंता और एलोरा की गुफाओं की छाप भी थी। हमें उस पर कमल की छाप भी दिखती है। कमल इस बात को दर्शाता है कि कीचड़ और दलदल से निकलकर आज़ादी की लड़ाई लड़ने के बाद हम एक नई सुबह के साथ खड़े हैं और नए संविधान के साथ खड़े हैं। इसलिए हमारा संविधान भी हमें कमल के फूल से प्रेरणा देता है कि तमाम परेशानियों के बावजूद हम लोकतंत्र को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।"
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